दिसंबर 2024 में जारी वित्त मंत्रालय (MoF) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) का सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (GNPA) अनुपात मार्च 2018 के 14.58% के शिखर से घटकर सितंबर 2024 में 3.12% हो गया है, जो एक दशक के निचले स्तर पर है।
- इसमें कहा गया है कि PSB के GNPA अनुपात में यह उल्लेखनीय सुधार भारत सरकार (GoI) द्वारा 2015 से किए गए 4R (रिकॉगनीशन, रीकैपीटलाईसेशन, रेसोलुशन एंड रिफार्म) जैसे उपायों के कारण है।
- पिछले 9 वर्षों में, GoI ने विभिन्न नीतिगत सुधार पेश किए हैं, जिससे PSB सहित बैंकिंग क्षेत्र की वित्तीय स्थिति और मजबूती में सुधार करने में मदद मिली है।
PSB में प्रमुख सुधार:
i.आंकड़ों से पता चला है कि PSB ने वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) के दौरान 1.41 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक संचयी शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जबकि FY23 में शुद्ध लाभ 1.05 लाख करोड़ रुपये था।
ii.PSB ने FY25 की पहली छमाही (H1:अप्रैल–सितंबर) में 0.86 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है।
- इसमें आगे बताया गया है कि PSB ने पिछले तीन वर्षों के दौरान कुल 61,964 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है।
iii.PSB के पूंजी से जोखिम-भारित परिसंपत्ति अनुपात (CRAR) में 393 आधार अंकों (bps) का सुधार हुआ है, जो 11.45% (मार्च 2015 में) से बढ़कर 15.43% (सितंबर 2024 में) हो गया है।
iv.अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCB) का सकल अग्रिम 2004-14 के दौरान 8.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 61 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो मार्च, 2024 में बढ़कर 1.75 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
नोट: बैंकिंग प्रणाली में तनाव के मुद्दे की पहचान करने और उसका समाधान करने के लिए RBI ने 2015 में परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (AQR) शुरू की थी।
भारत में वित्तीय समावेशन को मजबूत करने के लिए GoI द्वारा की गई प्रमुख पहल:
i.अब तक 54 करोड़ जन धन खाते खोले गए और स्टैंड-अप इंडिया, प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (PM SVANidhi), PM विश्वकर्मा जैसी GoI की विभिन्न प्रमुख वित्तीय समावेशन (FI) योजनाओं के तहत 52 करोड़ से अधिक जमानत-मुक्त ऋण स्वीकृत किए गए हैं।
- मुद्रा और PM SVANidhi योजना के तहत कुल लाभार्थियों में क्रमशः 68% और 44% महिलाएं हैं।
ii.भारत में बैंक शाखाओं की संख्या 1,17,990 (मार्च-14 में) से बढ़कर 1,60,501 (सितंबर-24 में) हो गई है। 1,60,501 शाखाओं में से 1,00,686 देश के ग्रामीण और अर्ध-शहरी (RUSU) क्षेत्रों में स्थित हैं।
iii.किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना 1998 में शुरू की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को अल्पकालिक फसल ऋण प्रदान करना था। सितंबर 2024 तक, कुल चालू KCC खातों की संख्या 7.71 करोड़ थी, जिनकी कुल बकाया राशि 9.88 लाख करोड़ रुपये थी।
iv.GoI ने विभिन्न पहलों के माध्यम से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराकर लगातार वित्तीय सहायता प्रदान की है।
- पिछले 3 वर्षों के दौरान MSME अग्रिमों में 15% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की गई। आंकड़ों से पता चला है कि 31 मार्च 2024 तक कुल MSME अग्रिम 17.2% की वार्षिक वृद्धि के साथ 28.04 लाख करोड़ रुपये था।
PSB कर्मचारियों के लिए प्रमुख कल्याणकारी उपाय:
i.12वें द्विपक्षीय समझौते (BPS) के कार्यान्वयन से बैंक कर्मचारियों को वेतन और भत्ते में 17% की बढ़ोतरी (12,449 करोड़ रुपये) प्राप्त हुई, जिसमें 3% का भार (1,795 करोड़ रुपये) भी शामिल है।
ii.मौजूदा आधार वर्ष अर्थात 1960 के स्थान पर महंगाई भत्ता/महंगाई राहत (औद्योगिक श्रमिकों के लिए AICPI आधार 2016) की गणना के लिए आधार वर्ष में परिवर्तन कर 2016 किया गया।
iii.कर्मचारी कल्याण कोष (SWF) PSB द्वारा PSB के कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के कल्याण संबंधी गतिविधियों के लिए आवंटित एक कोष है।
- SWF को अंतिम बार 2012 में संशोधित किया गया था और तब से, सभी 12 PSB के लिए SWF का संयुक्त अधिकतम वार्षिक व्यय 540 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 845 करोड़ रुपये हो गया है।
महत्वपूर्ण परिभाषाएं:
i.GNPA अनुपात: यह उन ऋणों का कुल मूल्य है जो चुकाए नहीं गए हैं तथा जिन्हें बैंक या वित्तीय संस्थान (FI) द्वारा गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
ii.CRAR को पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) भी कहा जाता है। यह बैंक की पूंजी का उसके जोखिम-भारित परिसंपत्तियों और चालू देनदारियों के सापेक्ष अनुपात है। इसका उपयोग बैंकों की घाटे को झेलने की क्षमता को मापने के लिए किया जाता है। भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 12% का CRAR बनाए रखना चाहिए।
वित्त मंत्रालय (MoF) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री– निर्मला सीतारमण (राज्यसभा-कर्नाटक)
राज्य मंत्री (MoS)– पंकज चौधरी (निर्वाचन क्षेत्र-महाराजगंज, उत्तर प्रदेश, UP)