ICRA ESG रेटिंग्स लिमिटेड (जिसे पहले प्रगति विकास परामर्श सेवाएँ लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) द्वारा जारी ‘SBTi कमिटमेंट्स बॉय इंडियन कम्पनीज‘ पर रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने कॉर्पोरेट जलवायु कार्रवाई में वैश्विक स्तर पर 6वां स्थान प्राप्त किया है, जिसमें 127 कंपनियाँ विज्ञान आधारित लक्ष्य पहल (SBTi) के तहत शुद्ध-शून्य लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- यूनाइटेड किंगडम (UK) ने 702 कंपनियों के साथ SBTi लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने की सूची को शीर्ष पर रखा, जिसके बाद के संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) ने 425 कंपनियों के साथ दूसरे स्थान पर आया। चीन ने 233 कंपनियों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि जर्मनी ने 203 कंपनियों के साथ चौथा स्थान सुरक्षित किया। स्वीडन ने 143 कंपनियों के साथ पांचवे स्थान पर आया।
- चीन, जो सबसे बड़ा वैश्विक उत्सर्जक है, ने वैश्विक उत्सर्जन का 27% योगदान देने के बावजूद कम कॉर्पोरेट अपनाने का प्रदर्शन किया है।
नोट: SBTi एक स्वैच्छिक लक्ष्य-निर्धारण पहल है जिसमें कंपनियाँ विज्ञान आधारित लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिए प्रतिबद्ध हो सकती हैं और उनके उद्देश्यों का स्वतंत्र रूप से विश्लेषण और मान्यता प्राप्त होती है
मुख्य विशेषताएँ:
i.रिपोर्ट से पता चलता है कि हालांकि भारत वैश्विक उत्सर्जन का लगभग 7% योगदान दे रहा है, इसकी कॉर्पोरेट प्रतिबद्धताएँ बढ़ती जागरूकता को दर्शाती हैं, हालांकि उच्च-उत्सर्जन वाले क्षेत्र जैसे बिजली, ऊर्जा और सीमेंट अभी भी ऐसे लक्ष्यों को अपनाने में पीछे हैं।
- यह भी दिखाया गया है कि इन उच्च-उत्सर्जन वाले क्षेत्रों से 10% से कम कंपनियों ने, जो भारत के कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 55% बनाती हैं, शुद्ध-शून्य लक्ष्यों को अपनाया है।
ii.बिजली, सीमेंट और खनन क्षेत्रों की लगभग 25 कंपनियों ने SBTi के माध्यम से उत्सर्जन में कमी लाने की प्रतिबद्धता जताई है।
- रिपोर्ट में पाया गया है कि कोयला आधारित बिजली उत्पादन ऊर्जा मिश्रण पर हावी है, हालांकि कंपनियाँ शुद्ध-शून्य प्रतिबद्धताओं के साथ अक्षय ऊर्जा की ओर बढ़ रही हैं।
iii.रिपोर्ट के अनुसार, छह भारतीय बिजली क्षेत्र की कंपनियों ने SBTi लक्ष्य अपनाए हैं, जिनमें से तीन मुख्य रूप से अक्षय ऊर्जा (RE) में काम कर रही हैं।
- अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड ने पूर्ण उत्सर्जन में 11% की कमी हासिल की, जबकि JSW एनर्जी लिमिटेड ने अपशिष्ट ऊष्मा पुनर्प्राप्ति प्रणालियों जैसे स्थिरता उपायों पर अपने ध्यान के कारण स्थिर उत्सर्जन बनाए रखा।
- टाटा पावर कंपनी लिमिटेड ने बिजली के बढ़ते उपयोग और उत्पादन क्षमताओं के विस्तार के कारण वित्तीय वर्ष 2018-19 (FY19) और FY24 के बीच उत्सर्जन में 15% की वृद्धि देखी।
iv.सीमेंट क्षेत्र जिसे एक महत्वपूर्ण उत्सर्जक माना जाता है, बायोमास जैसे वैकल्पिक ईंधन को अपना रहा है और उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्बन कैप्चर तकनीक को लागू कर रहा है।
- धातु और खनन क्षेत्रों में शुद्ध-शून्य प्रतिबद्धताओं वाली कंपनियों ने संधारणीय प्रथाओं को अधिक अपनाया है, लेकिन प्रगति असमान बनी हुई है।
वैश्विक परिदृश्य:
i.रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर लगभग 9,000 कंपनियों ने उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्धता जताई है, जिनमें से लगभग 3,500 ने विशेष रूप से शुद्ध-शून्य उत्सर्जन को लक्षित किया है।
- यूरोप 2,998 फर्मों के साथ सबसे आगे है, उसके बाद एशिया 1,846 के साथ दूसरे स्थान पर है।
ii.भारत ने BRICS ब्लॉक के भीतर भी महत्वपूर्ण सुधार दिखाया है, जहां यह चीन के साथ मिलकर 90% से अधिक उत्सर्जन में योगदान देता है।
- अकेले FY24 की पहली तिमाही (Q1) के दौरान, ब्रिक्स देशों ने बिजली और ऊर्जा क्षेत्रों से 1.98 बिलियन मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जित किया, जो मुख्य रूप से कोयले के उपयोग से प्रेरित था।
हाल ही के संबंधित समाचार:
वैंकूवर (कनाडा) स्थित सार्वजनिक नीति अनुसंधान संगठन फ्रेजर इंस्टीट्यूट की नवीनतम रिपोर्ट “इकनोमिक फ्रीडम ऑफ़ द वर्ल्ड (EFW) 2024 एनुअल रिपोर्ट” के अनुसार, हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (SAR), पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ने 8.58 की रेटिंग के साथ सिंगापुर से दुनिया की सबसे बड़ी मुक्त अर्थव्यवस्था का खिताब पुनः प्राप्त किया है, जिसे 8.55 की समग्र रेटिंग के साथ दूसरे स्थान पर रखा गया है।
- भारत ने 6.58 की रेटिंग के साथ 87वें (EFW 2023 में) से 84वें (EFW 2024 में) तक अपनी रैंकिंग में 3 स्थानों का सुधार किया है।
ICRA ESG रेटिंग्स लिमिटेड के बारे में:
प्रबंध निदेशक (MD) & मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO)– रामनाथ कृष्णन
मुख्यालय – नई दिल्ली, दिल्ली
स्थापना – 1991