इंडियन कौंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन्स(ICCR) ने पारंपरिक लोक कलाकारों, स्थानीय कलाकारों/कारीगरों तक पहुंचने के लिए ‘कला विश्व‘ नामक एक नया वर्चुअल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। इसे ICCR के मुंबई केंद्र से लॉन्च किया गया था।
- कार्यक्रम के दौरान शुरू किए गए ‘कला विश्व’ अभियान का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले कलाकारों को COVID-19 के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान प्रदर्शन करने के लिए एक आभासी मंच देना है।
- ‘कला विश्व’ सीरीज वर्चुअल मोड में होगी और इसे ICCR के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकता है।
- डॉ विनय सहस्रबुद्धे, ICCR के अध्यक्ष और शिक्षा, महिला, बच्चे और युवा और खेल पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष ने ‘कला विश्व’ अभियान के तहत पहले कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
i.कला विश्वास ‘होरीजन सीरीज‘ के तहत एक विशेष अभियान है और 6 महीने की अवधि के लिए आयोजित किया जाएगा।
ii.यह महाराष्ट्र और गोवा के पारंपरिक कला रूपों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह मुंबई में वाघ्य मुरली, गोंधल, वासुदेव या दशावतार जैसी पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को मंच देने के लिए आयोजित किया गया है।
iii.भारत भर में 17 ICCR केंद्रों से हर महीने 2-3 कार्यक्रम आभासी तरीके से प्रस्तुत किए जाएंगे।
iv.यह ICCR से जुड़े विदेशी छात्रों को भारत की लोक संस्कृति को समझने में मदद करेगा।
ICCR
यह विदेशों में भारत की सॉफ्ट पावर के प्रक्षेपण के लिए नोडल निकाय है। यह दुनिया के साथ हमारे सांस्कृतिक और अकादमिक जुड़ाव के लिए प्रमुख सरकारी संगठन के रूप में कार्य करता है।
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i.14 अप्रैल, 2021, ICCR ने 9 अप्रैल 2021 को अपना 71वां स्थापना दिवस मनाया। इसकी स्थापना 9 अप्रैल 1950 को स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने की थी।
इंडियन कौंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन्स (ICCR) के बारे में
यह विदेश मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन है।
महानिदेशक – दिनेश K पटनायक
मुख्यालय – नई दिल्ली