मार्च 2025 में, ओडिशा स्थित बरहामपुर विश्वविद्यालय (BU) के प्राणी विज्ञान विभाग के शोधकर्ताओं ने भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) के गंजम (ओडिशा) स्थित एस्टुरीन बायोलॉजी क्षेत्रीय केंद्र (EBRC) के साथ मिलकर समुद्री परजीवी आइसोपॉड की एक नई प्रजाति की खोज की है। इस प्रजाति का नाम भारत के सम्मान में ‘लोबोथोरैक्स भारत’ रखा गया है, जो इस खोज के पीछे वैज्ञानिकों की मातृभूमि है
- 3 सेंटीमीटर (CM) से भी कम लंबाई वाला यह छोटा परजीवी ओडिशा के गंजम और बालासोर जिलों के गोपालपुर और बहबलपुर में तट के किनारे पाया गया था।
- नई प्रजाति की खोज को एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टैक्सोनॉमी जर्नल जूटाक्सा में प्रकाशित किया गया था।
पृष्ठभूमि:
i.2023 में शुरू हुआ यह अध्ययन ‘मॉलिक्यूलर कैरेक्टराइजेशन, जेनेटिक एनालिसिस एंड स्टडी ऑफ द लाइफ साइकिल ऑफ पैरासिटिक इसोपोड फाउंड अलोंग द नॉर्थेर्न पार्ट ऑफ द ईस्ट कोस्ट इंडिया एंड चिलिका लैगून’ नामक 3-वर्षीय शोध परियोजना का हिस्सा था।
ii.इसे भारत सरकार (GoI) के अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ARNF) द्वारा वित्त पोषित किया गया था, जिसकी कुल लागत 37 लाख रुपये से अधिक थी।
लोबोथोरैक्स भारत के बारे में:
i.यह नई खोजी गई प्रजाति साइमोथोइडे परिवार से संबंधित है।
ii.इसे लोबोथोरैक्स जीनस में 4वीं ज्ञात प्रजाति के रूप में जाना जाता है, जो समुद्री मछली की मुख गतिविधि में पाए जाने वाले परजीवी आइसोपोड्स का एक समूह है। यह अपनी मेजबान प्रजातियों की जीभ से चिपक जाता है।
- ये परजीवी अपने मेजबानों के रक्त और बलगम पर फ़ीड करते हैं, जिससे अक्सर प्रभावित मछली आबादी में एनीमिया हो जाता है।
iii.लोबोथोरैक्स भारत अपने निकटतम रिश्तेदार यानी लोबोथोरैक्स टाइपस ब्लेकर (1857) से अलग है।
ओडिशा के सिमिलिपाल BR में नई जंगली अदरक की प्रजाति की खोज
बारीपदा (ओडिशा) स्थित महाराजा श्रीराम चंद्र भंजा देव विश्वविद्यालय (MSCB विश्वविद्यालय) के शोधकर्ताओं ने ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित सिमिलिपाल बायोस्फीयर रिजर्व (SBR) से जंगली अदरक की एक नई प्रजाति की खोज की है।
- इसकी खोज वनस्पति विज्ञान के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुदाम चरण साहू और वनस्पति विज्ञान के डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (Ph.D) शोधकर्ता विद्वान सिफन प्रियदर्शिनी ने की है, जो पिछले 3 वर्षों से ओडिशा में ‘जिंगिबरेसी’ परिवार की विविधता की खोज कर रहे हैं।
- इस प्रजाति की खोज को अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘फाइटोटैक्सा’ में प्रकाशित किया गया था।
मुख्य बिंदु:
i.नई पहचान की गई प्रजाति का नाम ‘भगवान जगन्नाथ’ के सम्मान में ‘जिंगिबर जगन्नाथी साहू & प्रियदर्शिनी’ रखा गया है।
ii.इसे अगस्त 2024 में कुलिपाला SBR के पास 758 मीटर (m) की ऊंचाई पर खोजा गया था। इसकी अनूठी रूपात्मक विशेषताएं इसे ज़िंगिबरेसी परिवार के भीतर अलग बनाती हैं।
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) के बारे में:
निदेशक– डॉ. धृति बनर्जी
मुख्यालय– कोलकाता, पश्चिम बंगाल (WB)
स्थापना– 1916