अगस्त 2025 में, प्रधान मंत्री (PM) नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रोहिणी में लगभग 11,000 करोड़ रुपये की संयुक्त लागत वाली दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) परियोजनाओं का उद्घाटन किया । इन बुनियादी ढांचे के विकास का उद्देश्य यातायात की भीड़ को कम करना, कनेक्टिविटी बढ़ाना और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में प्रदूषण को कम करना है।
बुनियादी ढाँचा विकास: द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली खंड और शहरी विस्तार सड़क- II (UER-II) को शामिल करने वाली परियोजनाएँ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की 50,000 करोड़ रुपए की व्यापक योजना के तहत विकसित की गई हैं।
प्रमुख गणमान्य व्यक्ति: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, MoRTH; विनय सक्सेना, दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर; रेखा गुप्ता, दिल्ली की मुख्यमंत्री (CM); इस मौके पर हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी भी मौजूद थे।
परीक्षा संकेत:
- क्या? दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन
- उद्घाटन द्वारा: PM नरेंद्र मोदी
- कहां? रोहिणी, दिल्ली
- परियोजनाएं: द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली खंड और शहरी विस्तार सड़क- II (UER-II)
- संयुक्त लागत: 11,000 करोड़ रुपये
द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली खंड के बारे में:
परियोजना लागत: यह 10.1 किलोमीटर (km) लंबा एक्सप्रेसवे 5,360 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है।
मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी: यह परियोजना यशोभूमि, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ब्लू लाइन और ऑरेंज लाइन, आगामी बिजवासन रेलवे स्टेशन और द्वारका क्लस्टर डिपो को मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
दो पैकेज: इस नई उद्घाटन परियोजना को दो भागों में विभाजित किया गया है:
- पैकेज- I: एक्सप्रेसवे का यह 5.9 किमी लंबा खंड शिव मूर्ति चौराहे को द्वारका सेक्टर -21 में रोड अंडर ब्रिज (RUB) से जोड़ता है।
- पैकेज- II: एक्सप्रेसवे का यह 4.2 किमी लंबा खंड द्वारका सेक्टर -21 RUB को दिल्ली-हरियाणा सीमा से जोड़ता है, जो UER-II को सीधा संपर्क प्रदान करता है।
अर्बन एक्सटेंशन रोड- II (UER-II) के बारे में:
परियोजना लागत: UER-II कॉरिडोर का निर्माण लगभग 5,580 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
रूट: UER-II का 54.21 km लंबा हिस्सा अलीपुर से बवाना, रोहिणी, मुंडका, बक्करवाला, नजफगढ़ और द्वारका होते हुए डिचाऊं कलां पहुंचने से पहले चलता है।
- यह 76 km के कुल कॉरिडोर का हिस्सा है, जिसमें हरियाणा में अतिरिक्त 21.5 km का हिस्सा शामिल है।
सतत् निर्माण: एक प्रमुख पर्यावरणीय पहल के तहत गाजीपुर (उत्तर प्रदेश, UP) लैंडफिल से दो मिलियन टन कचरे का उपयोग UER-II के निर्माण में किया गया, जिससे लैंडफिल टीले की ऊँचाई को सात मीटर तक कम करने में मदद मिली।
लाभ: यह बहादुरगढ़ और सोनीपत (हरियाणा में स्थित दोनों शहरों) तक सीधी पहुंच प्रदान करेगा, औद्योगिक कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के बारे में:
यह 1988 में संसद के एक अधिनियम द्वारा गठित किया गया था और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के तहत काम करता है।
अध्यक्ष- संतोष कुमार यादव
मुख्यालय- नई दिल्ली, दिल्ली