प्रधान मंत्री (PM) नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल समिति ने निम्नलिखित प्रस्तावों और योजनाओं को मंजूरी दी:
i.प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) उपभोक्ताओं को 300 रुपये की लक्षित सब्सिडी का विस्तार।
ii.AI इनोवेशन इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए IndiaAI मिशन को मंजूरी।
iii.उत्तर पूर्व परिवर्तनकारी औद्योगीकरण योजना, 2024 को मंजूरी।
iv.केंद्र सरकार के कर्मचारियों को DA और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त जारी करना।
v.गोवा राज्य के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में ST के प्रतिनिधित्व के पुनर्समायोजन विधेयक, 2024 का परिचय।
vi.आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCEA) ने 2024-2025 के लिए कच्चे जूट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दे दी है।
मंत्रिमंडल ने PMUY उपभोक्ताओं को लक्षित सब्सिडी को मंजूरी दी
7 मार्च, 2024 को मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 (FY25) के लिए प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों को 300 रुपये प्रति 14.2 kg सिलेंडर की लक्षित सब्सिडी के विस्तार को मंजूरी दे दी।
विशेषताएँ
i.PMUY के लाभार्थियों प्रति वर्ष 12 रिफिल तक के लिए पात्र हैं। सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाती है।
ii.इस योजना का अनुमानित बजट FY (2024-2025) के लिए 12,000 करोड़ रुपये है और इससे लगभग 10 करोड़ परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है।
iii.PMUY लाभार्थियों को लक्षित सब्सिडी प्रदान करने का प्राथमिक उद्देश्य उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में LPG की कीमत में उतार-चढ़ाव के प्रभाव से बचाना है।
प्रमुख बिंदु:
i.सरकारी आंकड़ों के अनुसार, PMUY उपभोक्ताओं की औसत LPG (तरलीकृत पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस) खपत 2019-20 में 3.01 रिफिल से बढ़कर 2024 (जनवरी, 2024 तक) में 3.87 रिफिल हो गई है।
- इस प्रकार, 2019 से 2024 तक PMUY उपभोक्ताओं की औसत LPG खपत 29% बढ़ गई है।
ii.1 मार्च, 2024 तक, 10.27 करोड़ से अधिक PMUY लाभार्थी हैं।
पृष्ठभूमि:
2022 में, सरकार ने 200 रुपये की लक्षित सब्सिडी शुरू की, बाद में 2023 में, उसने लक्ष्य सब्सिडी को बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के बारे में:
PM उज्ज्वला योजना की शुरुआत PM नरेंद्र मोदी ने मई, 2016 में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में की थी। इस योजना की निगरानी और कार्यान्वयन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) द्वारा किया जाता है।
उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और वंचित परिवारों की महिलाओं को मुफ्त LPG कनेक्शन प्रदान करना है।
विशेषताएँ:
i.सामाजिक-आर्थिक जनगणना (2011) के अनुसार, गरीबी रेखा से नीचे (BPL) रहने वाले लोग PMUY के लिए पात्र हैं।
ii.लाभार्थियों को मुफ्त LPG कनेक्शन मिलता है। साथ ही, यह प्रति LPG कनेक्शन पर 1600 रुपये की वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है।
iii.आवेदक 18 वर्ष से अधिक आयु की महिला और भारत का नागरिक होना चाहिए।
उद्देश्य:
i.महिलाओं को सशक्त बनाना और उनके स्वास्थ्य की रक्षा करना।
ii.पारंपरिक खाना पकाने के तरीकों जैसे: जलाऊ लकड़ी, गाय का गोबर, कोयला आदि से जुड़े गंभीर स्वास्थ्य खतरों को कम करना।
उज्ज्वला2.0 को FY (2021-22) के केंद्रीय बजट में पेश किया गया था। इसे मार्च, 2022 तक पात्र परिवारों को अतिरिक्त 1 करोड़ LPG कनेक्शन प्रदान करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था।
प्रमुख बिंदु:
i.शुरुआत में सरकार ने 5 करोड़ मुफ्त LPG कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा था जिसे बाद में बढ़ाकर 8 करोड़ कर दिया गया।
- 8 करोड़ LPG कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य 7 सितंबर, 2019 को (निर्धारित लक्ष्य से 7 महीने पहले) हासिल किया गया था।
ii.2023 में, सरकार ने 3 साल की अवधि (यानी 2023-2024 से 2025-2026 तक) के लिए PM उज्ज्वला योजना के तहत 75 लाख LPG कनेक्शन प्रदान करने की घोषणा की। इसमें 1650 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया।
मंत्रिमंडल ने मिशन IndiaAI को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI) इनोवेशन इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए महत्वाकांक्षी IndiaAI मिशन को मंजूरी दे दी है। इसने 10,371.92 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय आवंटित किया है। इसे डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (DIC) के तहत “IndiaAI” इंडिपेंडेंट बिजनेस डिवीजन (IBD) द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।
महत्व: IndiaAI मिशन एक कॉम्प्रिहेंसिव इकोसिस्टम स्थापित करेगा जो सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में रणनीतिक कार्यक्रमों और सहयोग के माध्यम से भारत में AI इनोवेशन को बढ़ावा देगा।
IndiaAI मिशन में निम्नलिखित घटक हैं:
i.IndiaAI कंप्यूट कैपेसिटी: यह घटक एक उच्च-स्तरीय स्केलेबल AI कंप्यूटिंग सिस्टम बनाने में मदद करेगा जो भारत में AI स्टार्ट-अप और रिसर्च इकोसिस्टम की बढ़ती मांगों को पूरा करेगा।
विशेषताएँ:
- इसमें 10,000 या अधिक ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) का AI कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल होगा और इसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से विकसित किया जाएगा।
- AI इनोवेटर्स को एक सेवा और पूर्व-प्रशिक्षित मॉडल के रूप में AI की पेशकश करने के लिए एक AI मार्केटप्लेस डिजाइन किया जाएगा।
- यह AI समाधान के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन के रूप में कार्य करेगा।
ii.IndiaAI इनोवेशन सेंटर: यह केंद्र महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्वदेशी लार्ज मल्टीमॉडल मॉडल (LMM) और डोमेन-स्पेसिफिक फॉउंडशनल मॉडल के विकास और तैनाती की सुविधा प्रदान करेगा।
iii.IndiaAI डेटासेट प्लेटफॉर्म: यह AI इनोवेशन के लिए गैर-व्यक्तिगत डेटासेट तक पहुंच को आसान बना देगा। साथ ही, भारतीय स्टार्टअप और शोधकर्ताओं को गैर-व्यक्तिगत डेटासेट तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक एकीकृत डेटा प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया जाएगा।
iv.IndiaAI एप्लीकेशन डेवलपमेंट पहल: यह केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य विभागों और अन्य संस्थानों से प्राप्त समस्या विवरणों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में AI अनुप्रयोगों को बढ़ावा देगा। पहल का मुख्य उद्देश्य सर्वोत्तम और प्रभावशाली AI समाधानों को विकसित करना और बढ़ावा देना है जिनमें महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने की क्षमता है।
v.IndiaAI फ्यूचर स्किल्स: AI कार्यक्रमों में दाखिला लेने के लिए बाधाओं को कम करने के लिए इसकी संकल्पना की गई है और यह स्नातक, मास्टर-लेवल और Ph.D कार्यक्रमों में AI पाठ्यक्रमों को बढ़ाएगा।
- IndiaAI मिशन के तहत, AI में मूलभूत स्तर के पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए देश भर के टियर-2 और टियर-3 शहरों में डेटा और AI लैब्स स्थापित की जाएंगी।
vi.IndiaAI स्टार्टअप फाइनेंसिंग: डीप-टेक AI स्टार्टअप को समर्थन और गति देने और भविष्य की AI परियोजनाओं को समर्थन और बढ़ावा देने के लिए उन्हें फंडिंग तक सुव्यवस्थित पहुंच प्रदान करने के लिए संकल्पित किया गया है।
vii.सेफ एंड ट्रस्टेड AI-रेकग्नाइज़िंग AI: यह घटक जिम्मेदार AI परियोजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा जिसमें: स्वदेशी उपकरण और ढांचे का विकास, नवप्रवर्तकों के लिए स्व-मूल्यांकन चेकलिस्ट, और अन्य दिशानिर्देश और शासन ढांचे शामिल हैं।
मंत्रिमंडल समिति ने UNNATI योजना, 2024 को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,037 करोड़ रुपये की कुल लागत पर प्रतिबद्ध देनदारियों के लिए 8 साल के साथ-साथ अधिसूचना की तारीख से 10 साल की अवधि के लिए उत्तर पूर्व परिवर्तनकारी औद्योगीकरण (UNNATI) योजना, 2024 को मंजूरी दे दी है।
उद्देश्य: UNNATI योजना का प्राथमिक उद्देश्य बेहतर रोजगार के अवसर पैदा करना है जिससे उत्तर-पूर्व (N-E) क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास हो सके।
लक्ष्य: प्रस्तावित योजना से लगभग 2,180 आवेदन प्राप्त होने और महत्वपूर्ण संख्या में अप्रत्यक्ष नौकरियों के साथ 83,000 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
प्रमुख विशेषताऐं:
i.यह एक केंद्रीय योजना (यानी 100% फंडिंग केंद्र सरकार द्वारा दी जाएगी) है। यह अधिसूचना की तारीख से प्रभावी होगा और 31 मार्च, 2034 (8 साल की प्रतिबद्ध देनदारियों सहित) तक चलेगा।
ii.प्रस्तावित योजना को दो भागों: पात्र इकाइयों को प्रोत्साहन के आवंटन के लिए भाग A (9,737 करोड़ रुपये) और कार्यान्वयन और संस्थागत व्यवस्था के लिए भाग B (300 करोड़ रुपये) में विभाजित किया गया है।
iii.औद्योगिक इकाइयां अधिसूचना की तारीख से 31 मार्च, 2026 तक पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकती हैं।
iv.सभी पंजीकरण आवेदनों को 31 मार्च, 2027 तक संसाधित किया जाना है।
v.पात्र औद्योगिक इकाइयों को पंजीकरण के 4 साल के भीतर अपना उत्पादन या संचालन शुरू करना होगा।
vi.जिलों को दो क्षेत्रों: क्षेत्र A (औद्योगिक रूप से उन्नत जिले) और क्षेत्र B (औद्योगिक रूप से पिछड़े जिले) में वर्गीकृत किया गया है।
vii.भाग A के बजट परिव्यय का 60% 8 उत्तर-पूर्व राज्यों के लिए आवंटित किया गया है और शेष 40% फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट (FIFO) के आधार पर आवंटित किया जाएगा।
कार्यान्वयन एजेंसी:
यह योजना राज्यों के सहयोग से उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) (वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत काम करता है) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी।
प्रोत्साहन संरचना:
i.पूंजी निवेश प्रोत्साहन
GST लागू है
- क्षेत्र A: 5 करोड़ रुपये की संपत्ति सीमा के साथ निवेश के योग्य मूल्य का 30%।
- क्षेत्र B: 7.5 करोड़ रुपये की संपत्ति सीमा के साथ निवेश के योग्य मूल्य का 50%।
GST लागू नहीं है
- क्षेत्र A: 10 करोड़ रुपये की संपत्ति सीमा के साथ निवेश के योग्य मूल्य का 30%।
- क्षेत्र B: 10 करोड़ रुपये की संपत्ति सीमा के साथ निवेश के योग्य मूल्य का 50%।
ii.केंद्रीय पूंजी ब्याज छूट: चाहे GST लागू हो या नहीं, ब्याज दर समान है
- क्षेत्र A: 7 वर्षों के लिए 3% ब्याज छूट
- क्षेत्र B: 7 वर्षों के लिए 5% ब्याज छूट
iii.विनिर्माण और सेवाओं से जुड़ा प्रोत्साहन (केवल नई इकाइयों के लिए): GST अनिवार्य है
- क्षेत्र A: P&M में निवेश के योग्य मूल्य का 75%
- क्षेत्र A: P&M में निवेश के योग्य मूल्य का 100%
मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) और पेंशनभोगियों की महंगाई राहत में 4% की बढ़ोतरी को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 जनवरी, 2024 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (DA) और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (DR) की एक अतिरिक्त किस्त जारी करने की मंजूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु:
i.अतिरिक्त किस्त से DA मूल वेतन/पेंशन के 46% से 50% हो जाएगा। इससे DA में मौजूदा दर से 4% की कुल वृद्धि देखी गई।
ii.DA और DR पर सालाना 12,868.72 करोड़ रुपये का संयुक्त प्रभाव पड़ेगा। चालू वर्ष (जनवरी, 2024 से फरवरी, 2025 तक) के लिए सरकारी खजाने पर बोझ 15,014 करोड़ रुपये होगा।
iii.इससे लगभग 49.28 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा।
iv.DA में बढ़ोतरी के अलावा परिवहन भत्ता, कैंटीन भत्ता और प्रतिनियुक्ति भत्ता में 25% की बढ़ोतरी की गई है।
v.DA और DR में वृद्धि 7वें केंद्रीय वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित स्वीकृत फॉर्मूले पर आधारित है।
मंत्रिमंडल ने गोवा विधानसभा में ST के लिए सीटों के आरक्षण के विधेयक को मंजूरी दे दी
मंत्रिमंडल ने संसद में “गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2024” पेश करने को मंजूरी दे दी। यह विधेयक कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित है।
विशेषताएँ:
i.यह विधेयक जनगणना आयुक्त को गोवा में अनुसूचित जनजातियों (ST) की आबादी का पता लगाने और निर्धारित करने का अधिकार देगा।
ii.जनगणना आयुक्त के निष्कर्षों के आधार पर, चुनाव आयोग (EC) संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन आदेश, 2008 में संशोधन करेगा। इससे गोवा विधानसभा में ST आरक्षण की सुविधा मिलेगी।
iii.विधेयक चुनाव आयोग को विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्समायोजन के उद्देश्य से अपनी प्रक्रिया निर्धारित करने का अधिकार देता है और इसमें सिविल कोर्ट की कुछ शक्तियां होंगी।
CCEA ने 2024-2025 सीज़न के लिए कच्चे जूट के MSP को मंजूरी दी
CCEA ने (2024-2025) सीज़न के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है।
i.2024-2025 सीज़न के दौरान, कच्चे जूट (TDN3 TD-5 ग्रेड के बराबर) के लिए MSP 5,335 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह 5,050 प्रति क्विंटल (2023-2024) था और यह 5.6% की कुल वृद्धि दर्शाता है।
ii.कच्चे जूट के लिए MSP अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर 64.8% का रिटर्न सुनिश्चित करेगा।
महत्व:
i.2024-2025 सीज़न के लिए कच्चे जूट के लिए निर्धारित MSP उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर MSP तय करने के सिद्धांत के अनुसार है, जिसकी घोषणा केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट में की थी। (2018-2019)।
ii.सरकार ने चालू सीजन 2023-2024 के लिए भारतीय जूट निगम (JCI) के माध्यम से 524.32 करोड़ रुपये की लागत से 6.24 लाख गांठ से अधिक कच्चे जूट की खरीद की है। अब तक इससे करीब 1.65 लाख किसानों को फायदा हुआ है।
iii.यह निर्णय कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों पर आधारित है।
- JCI मूल्य समर्थन संचालन करने के लिए केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी और यदि कोई नुकसान होता है, तो उसकी पूरी भरपाई केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।
नोट: कच्चे जूट के MSP में पिछले 10 वर्षों में 122% की वृद्धि देखी गई।
कानून और न्याय मंत्रालय के बारे में:
केंद्रीय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार): अर्जुन राम मेघवाल (लोकसभा क्षेत्र: बीकानेर, राजस्थान)