राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा (NFS) दिवस प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को पूरे भारत में अग्निशमन सेवा के महत्व को उजागर करने और कर्तव्य के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले अग्निशामकों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।
- 14 अप्रैल 1944 के मुंबई डॉकयार्ड विस्फोट के दौरान अपनी जान गंवाने वाले 71 अग्निशमन कर्मियों को भी याद करता है।
- भारत सरकार NFS दिवस पर निडर अग्निशामकों को भी सम्मानित करती है जिन्होंने अपनी सेवा में असाधारण कार्य किया है।
- राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस 2022 का विषय “लर्न फायर सेफ्टी, इनक्रीस प्रोडक्टिविटी” है।
पृष्ठभूमि
i.11वीं बैठक के दौरान, समिति ने एक विशेष दिन को अग्निशमन सेवा दिवस के रूप में नामित करने का निर्णय लिया।
ii.उन्होंने 1944 के मुंबई डॉकयार्ड विस्फोट के दौरान अपनी जान गंवाने वाले अग्निशामकों को मनाने के लिए 14 अप्रैल को दिन मनाने का भी सुझाव दिया।
अग्नि निवारण सप्ताह:
i.अपनी पहली बैठक में, स्थायी अग्नि सलाहकार समिति (SFAC) ने पूरे भारत में दीवाली सप्ताह से पहले आग से बचाव सप्ताह मनाने की सिफारिश की।
ii.निम्नलिखित बैठकों में, सप्ताह के उत्सव का समय नवंबर से अप्रैल/मई में वर्ष 1959 से बदल दिया गया था।
iii.SFAC ने फरवरी के दूसरे सप्ताह में सालाना अग्नि निवारण सप्ताह मनाने की सिफारिश की।
1944 बॉम्बे विस्फोट:
i.1944 का बॉम्बे विस्फोट, जिसे बॉम्बे डॉक विस्फोट के रूप में भी जाना जाता है, 14 अप्रैल 1944 को बॉम्बे पोर्ट, ब्रिटिश भारत (वर्तमान में मुंबई, महाराष्ट्र) में विक्टोरिया डॉक पर हुआ था।
ii.विस्फोट तब हुआ जब ब्रिटिश मालवाहक SS फोर्ट स्टिकिन, लगभग 1,400 टन विस्फोटक सहित कपास की गांठें, सोना और गोला-बारूद का मिश्रित माल ले जा रहा था, उसमें आग लग गई।
iii.विस्फोट के कारण, लगभग 71 अग्निशामकों की जान चली गई और 80000 से अधिक लोग बेघर हो गए।
iv.विस्फोट ने पूरे विक्टोरिया डॉक को नष्ट कर दिया जिसमें लगभग 800 से 1300 लोग मारे गए।
अग्नि सुरक्षा सप्ताह 14 से 20 अप्रैल 2022:
i.अग्नि सुरक्षा सप्ताह 14 से 20 अप्रैल 2022 तक मनाया जाता है जिसका उद्देश्य गर्मियों के दौरान आग की दुर्घटनाओं को रोकना है।
ii.सप्ताह आग से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए ‘इलाज से बेहतर रोकथाम’ पर जोर देता है।
iii.सप्ताह का उद्देश्य राज्य, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों, खेत खलिहान और कच्चे घरों को आग के खतरों से बचाना है, बल्कि जनता के बीच सावधानी और जागरूकता पैदा करना और बढ़ाना है।