29 जुलाई 2021 को, डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड(DPIIT) ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र के लिए FDI (फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) नीति में एक नया खंड जोड़ा गया है।
- खंड के अनुसार, यदि पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग(PSU) के रणनीतिक विनिवेश के लिए ‘इन-प्रिंसिपल’ अनुमोदन प्रदान किया गया है, तो केंद्र सरकार ने तेल रिफाइनरों के लिए स्वचालित मार्ग के तहत 100% FDI की अनुमति दी है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सरकार भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) का निजीकरण कर रही है और कंपनी में अपनी पूरी 52.98% हिस्सेदारी बेच रही है। यह खंड निजीकरण में विदेशी निवेश के दायरे का विस्तार करेगा।
नीति की प्रयोज्यता:
यह नीति तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्रों की खोज गतिविधियों, पेट्रोलियम उत्पादों और प्राकृतिक गैस के विपणन से संबंधित बुनियादी ढांचे, निजी क्षेत्र में प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम उत्पादों, पेट्रोलियम उत्पाद पाइपलाइनों, प्राकृतिक गैस/पाइपलाइनों, LNG (लिक्विफैड नेचुरल गैस) के पुनर्गैसीकरण बुनियादी ढांचे, बाजार अध्ययन और निर्माण और पेट्रोलियम शोधन का विपणन पर लागू होती है।
पृष्ठभूमि:
इस नए खंड के संबंध में निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह लिया था। विशेष रूप से, BPCL में सरकार की पूरी हिस्सेदारी खरीदने के लिए प्रारंभिक रुचि की अभिव्यक्ति (EoI) में डालने वाली तीन कंपनियों में से दो विदेशी संस्थाएं हैं, जैसे कि US-आधारित निजी इक्विटी फर्म अपोलो ग्लोबल और I Squared कैपिटल की शाखा थिंक गैस।
नोट:
i.PSU द्वारा प्रवर्तित तेल रिफाइनरियों में FDI की सीमा 49% (26% से बढ़ाकर) जारी रहेगी, यह सीमा मार्च 2008 में निर्धारित की गई थी।
ii.अब, केवल इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) प्रत्यक्ष सरकारी नियंत्रण में तेल शोधन और विपणन कंपनी है।
हाल के संबंधित समाचार:
DPIIT के आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका (US) मॉरीशस की जगह वित्त वर्ष 21 के दौरान भारत में FDI का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बन गया।
डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के बारे में:
इसकी स्थापना वर्ष 1995 में हुई थी और वर्ष 2000 में औद्योगिक विकास विभाग के विलय के साथ इसका पुनर्गठन किया गया था। विभाग को पहले डिपार्टमेंट ऑफ़ इंडस्ट्रियल पॉलिसी & प्रमोशन कहा जाता था और जनवरी, 2019 में इसका नाम बदलकर DPIIT कर दिया गया।
मूल मंत्रालय– मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री