3 मार्च 2021 को, झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने रांची में राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 91,277 करोड़ रुपये का राज्य बजट पेश किया। वित्त वर्ष 2021 की तुलना में बजट में 7,100 करोड़ रुपये (लगभग 11%) की वृद्धि देखी गई।
बजट का केंद्रबिंदु ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
प्रमुख आंकड़े:
i.राजस्व व्यय- 75755.01 करोड़ रुपये
ii.पूंजीगत व्यय- 15521.99 करोड़ रुपये
iii.राजकोषीय घाटा- 10,210.87 करोड़ रुपये जो कि GSDP (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) का 2.83% है।
बजटीय क्षेत्र-वार आवंटन:
i.सामान्य क्षेत्र- 26,734.05 करोड़ रुपये
ii.सामाजिक क्षेत्र- 33,625.72 करोड़ रुपये
iii.अर्थिक क्षेत्र- 30,917.23 करोड़ रुपये
मुख्य आवंटन / प्रावधान:
i.ग्रामीण विकास, कृषि, पशुपालन और जल संसाधनों के लिए 18,653 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था।
ii.किसानों के ऋण माफ करने के लिए 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान था।
iii.शिक्षा विभाग के लिए 14.52% का अधिकतम आवंटन किया गया, जिसके बाद ग्रामीण विकास में 14.16% और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण में 8.55% का योगदान हुआ।
iv.MNREGA (महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम) श्रमिकों का मानदेय बढ़ाकर 225 रुपये कर दिया गया है।
v.राज्य के अनुसूचित जनजाति (ST) और अनुसूचित जाति (SC) के छात्रों के लिए एक नया राज्य जनजातीय विश्वविद्यालय खोलने कर बेहतर शिक्षा का प्रावधान किया गया है।
हाल के संबंधित समाचार:
i.31 दिसंबर, 2020 को झारखंड ने भारत सरकार की फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री आवास बीमा योजना (PMFBY) को बदलकर राज्य की अपनी फसल योजना ‘किसान फसल राहत योजना’ शुरू की है।
ii.नवंबर 2020 में, झारखंड विधानसभा ने सर्वसम्मति से 11 नवंबर, 2020 को एक दिवसीय विधानसभा सत्र के दौरान ‘सरना कोड’ पर एक प्रस्ताव पारित किया। संकल्प 2021 की जनगणना में सरना को एक अलग धर्म के रूप में शामिल करने का प्रयास किया गया है।
झारखंड के बारे में:
राज्यपाल- द्रौपदी मुर्मू
मुख्यमंत्री- हेमंत सोरेन
राजधानी- रांची