भारतीय सेना (IA) का इन्फैंट्री दिवस भारत की संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा में इन्फैंट्री के योगदान को याद करने के लिए 27 अक्टूबर को पूरे भारत में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
- 27 अक्टूबर 2024 को 78वां इन्फैंट्री दिवस मनाया जाएगा।
महत्व:
i.यह दिन 1947 में जम्मू और कश्मीर (J&K) को पाकिस्तानी कबाइली हमलावरों और पाकिस्तानी सेना से बचाने के लिए श्रीनगर हवाई क्षेत्र में सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन के उतरने की याद दिलाता है।
ii.बाहरी आक्रमण के खिलाफ भारतीय रेजिमेंट द्वारा की गई यह पहली सैन्य कार्रवाई थी।
नोट: भारतीय सेना ने 27 अक्टूबर, 1947 को श्रीनगर एयरफील्ड पर भारतीय सेना के सफल उतरने की याद में शौर्य दिवस भी मनाया।
पृष्ठभूमि:
i.27 अक्टूबर, 1947 को, लेफ्टिनेंट (Lt) कर्नल (Col) दीवान रंजीत राय की कमान में सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन, महाराजा हरि सिंह के एक तत्काल अनुरोध के जवाब में श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरी, जिन्होंने पाकिस्तानी आदिवासी आक्रमणकारियों से कश्मीर की रक्षा के लिए सैन्य सहायता मांगी थी।
- इस समय पर किए गए हस्तक्षेप ने कश्मीर पर कब्जे को रोका, इस क्षेत्र को भारत के हिस्से के रूप में सुरक्षित किया और इस क्षेत्र में बाद के सैन्य अभियानों की नींव रखी।
ii.Lt Col राय बारामुल्ला (कश्मीर) के बाहरी इलाके में कार्रवाई में मारे गए। उन्हें उनकी वीरतापूर्ण कार्रवाई और असाधारण वीरता के लिए मरणोपरांत महावीर चक्र (MVC) से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम:
शौर्य दिवस समारोह के दौरान, नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया, जिसमें देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर पैदल सैनिकों को सम्मानित किया गया।
- रक्षा सेनाध्यक्ष (CoDS) जनरल अनिल चौहान और थल सेनाध्यक्ष (CoAS) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत की सुरक्षा और स्वतंत्रता के लिए उनके अंतिम बलिदान को मान्यता देते हुए इन बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इन्फैंट्री के बारे में:
i.इन्फैंट्री, जिसे अक्सर “युद्ध की रानी” के रूप में मनाया जाता है, भारतीय सेना (IA) के चार मुख्य लड़ाकू हथियारों में से एक है, बख्तरबंद कोर, मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री और आर्टिलरी के साथ।
ii.इसमें असॉल्ट राइफल, ग्रेनेड और मशीन गन जैसे छोटे हथियारों से लैस पैदल सैनिक शामिल हैं, जो उन्हें नजदीकी युद्ध अभियानों में शामिल होने की अनुमति देते हैं।
iii.ये सैनिक भारत की सीमाओं की रक्षा करने में सबसे आगे हैं, जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए नियंत्रण रेखा (LoC), वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सतर्कता से सेवा करते हैं।
“राइफल & बायोनेट” का दूसरा संस्करण:
i.भारतीय सेना की वार्षिक इन्फैंट्री पत्रिका राइफल & बायोनेट का दूसरा संस्करण 78वें शौर्य दिवस पर जारी किया गया।
ii.“टेक्नोलॉजी अब्सॉर्प्शन” थीम वाले इस संस्करण में इन्फैंट्री के आधुनिकीकरण की यात्रा पर प्रकाश डाला गया है, ताकि आज की युद्ध आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। इसमें रक्षा के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल की गई है, जिसमें नई सुरक्षा चुनौतियाँ, रणनीतिक प्रगति और पिछले अभियानों से मिले सबक शामिल हैं।
- पाठक वीर नारियों और दिग्गजों को श्रद्धांजलि के साथ-साथ साहस, बलिदान और लचीलेपन की प्रेरक कहानियाँ पा सकते हैं।
भारतीय सेना (IA) के बारे में:
थल सेनाध्यक्ष (CoAS)- जनरल उपेंद्र द्विवेदी
मुख्यालय- नई दिल्ली, दिल्ली
स्थापना- 1895
आदर्श वाक्य- सेवा परमो धर्म (सर्विस बिफोर सेल्फ)