भारतीय सेना की सबसे बड़ी लड़ाकू शाखा, इन्फैंट्री के योगदान को मनाने के लिए भारतीय सेना द्वारा 27 अक्टूबर को पूरे देश में इन्फैंट्री दिवस मनाया जाता है।
- 27 अक्टूबर 2023 को 77वां इन्फैंट्री दिवस मनाया जाता है।
27 अक्टूबर क्यों?
27 अक्टूबर, 1947 को पाकिस्तानी आक्रमणकारियों के विरुद्ध कश्मीर घाटी में स्वतंत्र भारत की पहली सैन्य घटना हुई।
पृष्ठभूमि:
i.26 अक्टूबर, 1947 को, (तत्कालीन रियासत) जम्मू और कश्मीर (J&K) के शासक, महाराजा हरि सिंह ने भारत में शामिल होने के लिए सहमति व्यक्त करते हुए विलय पत्र (IOA) पर हस्ताक्षर किए।
ii.उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत (NWEP) के आदिवासी इलाकों से स्वयंसेवकों के भेष में पाकिस्तानी सैनिक J&K में दाखिल हुए।
- उनका लक्ष्य J&K पर जबरन कब्जा करना और उसे पाकिस्तान में एकीकृत करना था।
iii.27 अक्टूबर 1947 को, लेफ्टिनेंट (Lt) कर्नल (Col) दीवान रंजीत राय की कमान वाली सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन के नेतृत्व में भारतीय सेना की इन्फैंट्री ने पाकिस्तानी हमलावरों के आक्रमण को रोकने के लिए J&K में श्रीनगर हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया। .
iv.लेफ्टिनेंट कर्नल राय बारामूला (कश्मीर) के बाहरी इलाके में कार्रवाई में मारे गए। उनके वीरतापूर्ण कार्य और असाधारण वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र (MVC) से सम्मानित किया गया था।
इन्फैंट्री के बारे में:
i.इन्फैंट्री (लोकप्रिय रूप से ‘युद्ध की रानी’ के रूप में जाना जाता है) भारतीय सेना के चार प्रमुख लड़ाकू हथियारों में से एक है। अन्य तीन हैं
- बख्तरबंद कॉर्प्स
- यंत्रीकृत इन्फैंट्री
- तोपखाना
ii.यह पैदल सैनिकों से बना है जो लड़ने के लिए छोटे हथियारों, जैसे असॉल्ट राइफल, ग्रेनेड और मशीन गन का उपयोग करते हैं।
iii.वे नियंत्रण रेखा (LAC), वास्तविक नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर राष्ट्र की रक्षा करते हैं।
भारतीय सेना के बारे में:
थल सेनाध्यक्ष – जनरल मनोज पांडे
मुख्यालय – नई दिल्ली, दिल्ली
स्थापना – 1895