UNICEF (संयुक्त राष्ट्र बाल कोष) की ‘द क्लाइमेट क्राइसिस इज ए चाइल्ड राइट्स क्राइसिस: इंट्रोड्यूसिंग द चिल्ड्रन क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स (CCRI)’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, भारत उन 33 अत्यंत उच्च जोखिम वाले देशों में से है जिनमें लगभग 1 अरब बच्चों (दुनिया की 2.2 अरब बच्चों की आबादी का आधा) पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सबसे अधिक जोखिम है जो उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा को प्रभावित करता है।
- यह दुनिया भर के बच्चों के लिए पेश किया जाने वाला पहला प्रकार का जलवायु जोखिम सूचकांक है।
- 33 अत्यंत उच्च जोखिम वाले देश सामूहिक रूप से वैश्विक CO2 उत्सर्जन का केवल 9 प्रतिशत उत्सर्जित कर रहे हैं, लेकिन शीर्ष 10 उच्चतम देश सामूहिक रूप से वैश्विक उत्सर्जन का 70 प्रतिशत हिस्सा हैं।
उच्च जोखिम वाले देश
बच्चों का जलवायु जोखिम सूचकांक देशों को इस आधार पर रैंक करता है कि बच्चे पर्यावरणीय तनाव और चरम मौसम की घटनाओं के प्रति कितने संवेदनशील हैं।
i.मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड, नाइजीरिया, गिनी और गिनीबिसाऊ देशों में बच्चे उच्च जोखिम में हैं।
ii.सूची में शामिल चार दक्षिण एशियाई देशों में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और भारत क्रमशः 14वें, 15वें, 25वें और 26वें स्थान पर हैं।
iii.भारत का पड़ोसी देश नेपाल 51वें, श्रीलंका 61वें और भूटान 111वें स्थान पर है।
कम जोखिम वाले देश :-
सूचकांक के अनुसार आइसलैंड, लक्जमबर्ग और न्यूजीलैंड में बच्चे बहुत कम जोखिम में हैं।
रिपोर्ट के दो स्तंभ:-
CCRI रिपोर्ट दो स्तंभों से बनी है जिसमें बाल जलवायु भेद्यता की निगरानी और मूल्यांकन और विशिष्ट खतरों (जोखिम) के जोखिम के लिए कई संकेतक हैं।
i.स्तंभ 1 – जलवायु और पर्यावरणीय खतरों, झटकों और तनावों के संपर्क में आना
- इसके संकेतक/घटक हैं: पानी की कमी, नदी में बाढ़, तटीय बाढ़, उष्णकटिबंधीय चक्रवात, वेक्टर जनित रोग, हीटवेव, वायु प्रदूषण और मिट्टी & जल प्रदूषण।
ii.स्तंभ 2 – बच्चों को खतरे
- इसके संकेतक/घटक हैं: बाल स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, पानी, स्वच्छता, गरीबी, संचार संपत्ति और सामाजिक सुरक्षा।
CCRI रैंक विवरण
CCRI रैंक | देश | जलवायु और पर्यावरणीय कारक | बाल भेद्यता | बच्चों का जलवायु जोखिम सूचकांक |
---|---|---|---|---|
1 | मध्य अफ्रीकी गणराज्य (जोखिम में उच्च) | 6.7 | 9.8 | 8.7 |
26 | भारत | 9.0 | 4.6 | 7.4 |
163 | आइसलैंड (जोखिम में कम) | 1.0 | 0.9 | 1.0 |
अन्य प्रमुख बिंदु:
i.युवाओं के नेतृत्व वाले वैश्विक जलवायु आंदोलन अभियान की तीसरी वर्षगांठ यानी 19 अगस्त, 2021 को फ्राइडे फॉर फ्यूचर के सहयोग से यह रिपोर्ट लॉन्च की गई थी।
ii.रिपोर्ट के अनुसार, 600 मिलियन से अधिक भारतीयों को ‘तीव्र पानी की कमी’ का सामना करना पड़ेगा, साथ ही, वैश्विक तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ने पर भारत के शहरी क्षेत्रों में बाढ़ भी बढ़ेगी।
iii.विशेष रूप से, 2020 में सबसे प्रदूषित हवा वाले दुनिया के 30 शहरों में से 21 भारत में थे।
हाल के संबंधित समाचार:
WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) और UNICEF द्वारा प्रकाशित आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, व्यापक विश्वव्यापी बचपन के टीकाकरण आंकड़ों पर ‘WHO/UNICEF एस्टिमेट्स ऑफ़ नेशनल इम्यूनाइजेशन कवरेज (WUENIC)’ के अनुसार 2020 में 23 मिलियन बच्चे नियमित टीकाकरण सेवाओं के माध्यम से बुनियादी टीकों से चूक गए थे।
UNICEF (संयुक्त राष्ट्र बाल कोष) के बारे में:
कार्यकारी निदेशक– हेनरीएटा H. होल्समैन फ़ोरे
मुख्यालय– न्यूयॉर्क, USA
भारतीय प्रतिनिधि– डॉ यास्मीन अली हेक