प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में CCEA ने मिनिस्ट्री ऑफ़ एअर्थ साइंसेज(MoES) और मिनिस्ट्री ऑफ़ चेमिकल्स & फर्टीलिज़ेर्स के प्रस्तावों को मंजूरी दी। वो हैं,
- डीप ओशन मिशन के लिए MoES का प्रस्ताव।
- वर्ष 2021-22 के लिए फॉस्फेटिक और पोटासिक (P&K) उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) दरों के लिए उर्वरक विभाग का प्रस्ताव।
डीप ओशन मिशन
MoES का ‘डीप ओशन मिशन’ भारत सरकार की ब्लू इकोनॉमी पहल का समर्थन करने के लिए एक मिशन मोड प्रोजेक्ट होगा।
i.उद्देश्य – हिंद महासागर में समुद्र के संसाधनों के सतत उपयोग के लिए संसाधनों के लिए गहरे समुद्र का पता लगाना और गहरे समुद्र की प्रौद्योगिकियों का विकास करना।
ii.मिशन की लागत – 5 साल की अवधि के लिए मिशन की अनुमानित लागत 4077 करोड़ रुपये है, इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
- 3 वर्षों (2021-24) के लिए पहले चरण की अनुमानित लागत 2823.4 करोड़ रुपये होगी।
iii.नोडल मंत्रालय – मिनिस्ट्री ऑफ़ एअर्थ साइंसेज (MoES)।
डीप ओशन मिशन के घटक
i.डीप ओशन मिशन में 6 प्रमुख घटक होंगे –
- डीप सी माइनिंग और मानवयुक्त सबमर्सिबल के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास
- महासागर जलवायु परिवर्तन सलाहकार सेवाओं का विकास
- गहरे समुद्र में जैव विविधता की खोज और संरक्षण के लिए तकनीकी नवाचार
- डीप ओशन सर्वे एंड एक्सप्लोरेशन
- महासागर से ऊर्जा और मीठे पानी
- महासागर जीवविज्ञान के लिए उन्नत समुद्री स्टेशन
ii.ये घटक गहरे समुद्र में खनिजों और ऊर्जा की खोज और दोहन के ब्लू इकोनॉमी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों; तटीय पर्यटन; समुद्री मात्स्यिकी और संबद्ध सेवाएं; महासागरीय संसाधनों का गहन समुद्र अन्वेषण; अपतटीय ऊर्जा विकास; समुद्री जीव विज्ञान, नीला व्यापार और नीला निर्माण का समर्थन करेंगे।
iii.घटकों ने ऑफशोर ओसियन थर्मल एनर्जी कन्वर्शन(OTEC) संचालित अलवणीकरण संयंत्रों की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
प्रमुख बिंदु
i.गहरे समुद्र में खोज के लिए जरूरी अनुसंधान पोत भारतीय शिपयार्ड में बनाया जाएगा। इससे जहाजों और प्रौद्योगिकियों के निर्माण में स्वदेशीकरण को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
ii.विश्व स्तर पर गहरे महासागर का 95% हिस्सा अभी तक खोजा नहीं गया है। भारत में हमारी 30% आबादी तटीय क्षेत्रों में रहती है, समुद्र तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एक प्रमुख आर्थिक कारक बना हुआ है।
- भारत में 7517 किलोमीटर लंबी तटरेखा है और यह 9 तटीय राज्यों और 1382 द्वीपों का घर है।
2021-22 के लिए P&K के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दर का निर्धारण
PM मोदी की अध्यक्षता में CCEA ने वर्ष 2021-22 के लिए P&K उर्वरकों के लिए नुट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी दर (NBS) के निर्धारण के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
- P&K उर्वरकों पर सब्सिडी एनबीएस योजना द्वारा शासित है जो 01.04.2010 से प्रभावी है।
- उर्वरक कंपनियों को NBS दरों के अनुसार सब्सिडी जारी की जाती है ताकि वे किसानों को सस्ती कीमत पर उर्वरक उपलब्ध करा सकें।
INR में प्रति किलोग्राम सब्सिडी दर
N (नाइट्रोजन) | P (फास्फोरस) | K (पोटाश) | S (सल्फर) |
18.789 | 45.323 | 10.116 | 2.374 |
हाल के संबंधित समाचार:
i.27 नवंबर, 2020,MoES अगले 3-4 महीनों में एक महत्वाकांक्षी ‘डीप ओशन मिशन’ शुरू करेगा, जिसमें खनिजों, ऊर्जा और समुद्री विविधता के पानी के नीचे की खोज की परिकल्पना होगी और हिंद महासागर में भारत की उपस्थिति को भी बढ़ाएगा। इसका अनुमानित परिव्यय 4,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
ii.प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमिटी ऑन इकनोमिक अफेयर्स(CCEA) ने कोयला गैसीकरण के माध्यम से उत्पादित यूरिया के लिए एक विशेष सब्सिडी नीति तैयार करने को मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव को उर्वरक विभाग ने आगे रखा।
मिनिस्ट्री ऑफ़ एअर्थ साइंसेज (MoES) के बारे में
केंद्रीय मंत्री – हर्षवर्धन (चांदनी चौक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली)
मिनिस्ट्री ऑफ़ चेमिकल्स & फर्टीलिज़ेर्स के बारे में
केंद्रीय मंत्री – D.V. सदानंद गौड़ा (बैंगलोर उत्तर, कर्नाटक)
राज्य मंत्री – मनसुख मंडाविया (राज्य सभा, गुजरात)