हिमालय दिवस, जिसे हिमालय डे के रूप में भी जाना जाता है, हिमालय के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए पूरे भारत में विशेष रूप से उत्तराखंड में 9 सितंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। यह दिन हिमालय की अनूठी जैव विविधता का भी जश्न मनाता है।
पृष्ठभूमि:
i.2014 में, उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री (CM) हरीश रावत ने घोषणा की कि हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 9 सितंबर को हिमालय दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
ii.उन्होंने यह भी घोषणा की कि यह दिन उत्तराखंड सरकार द्वारा मनाया जाएगा।
iii.हिमालय दिवस मनाने का प्रस्ताव BJP के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन विपक्ष के नेता अजय भट्ट ने रखा था।
iv.पहला हिमालय दिवस 9 सितंबर 2015 को मनाया गया था।
हिमालय के बारे में:
i.हिमालय शब्द संस्कृत के शब्द ‘हिमा’ से बना है जिसका अर्थ है बर्फ और ‘अलाया’ जिसका अर्थ है एडोब।
ii.हिमालय, दुनिया की सबसे ऊंची और सबसे छोटी पर्वत श्रृंखला, एक अर्धचंद्राकार पर्वत श्रृंखला है जो सिंधु घाटी के दक्षिण से 2500 किमी और नंगा पर्वत और नामचा बरवा के बीच पश्चिम से पूर्व तक फैली हुई है।
चोटियाँ:
दुनिया के 14 आठ तौसनदेर्स, 8000 मीटर से अधिक ऊंचे पहाड़ या तो काराकोरम या मध्य एशिया की हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित हैं। माउंट एवरेस्ट हिमालय के पहाड़ों में सबसे ऊंचा है।
वनस्पति और जीव:
हिमालयी क्षेत्र में वनस्पतियों और जीवों की विभिन्न अनूठी, स्थानिक और लुप्तप्राय प्रजातियां जैसे स्नोकॉक, हिमालयी चॉफ, रोज फिंच और एक्सेंटर्स हैं।
हिमालय में UNESCO विरासत स्थल:
- ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान संरक्षण क्षेत्र (हिमाचल प्रदेश, भारत)
- नंदा देवी और वैली ऑफ़ फ्लावर्स राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखंड, भारत)
- खांगचेंदज़ोंगा राष्ट्रीय उद्यान (सिक्किम, भारत)
- सागरमाथा राष्ट्रीय उद्यान (नेपाल)