अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2020 में महामारी के कारण वैश्विक ऊर्जा से संबंधित CO2 उत्सर्जन में 5.8% या 2 बिलियन टन की गिरावट आई है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह सबसे बड़ी वार्षिक प्रतिशत गिरावट है।
i.2020 में CO2 उत्सर्जन में कुल वैश्विक गिरावट का 50% से अधिक परिवहन और विमानन क्षेत्रों में तेल के उपयोग से CO2 उत्सर्जन में गिरावट के कारण था।
ii.2020 में प्राथमिक ऊर्जा मांग में भी लगभग 4% की गिरावट आई है।
विश्व के सबसे बड़े CO2 उत्सर्जक से उत्सर्जन
i.चीन ने वर्ष 2020 तक उत्सर्जन में वृद्धि दर्ज की, उत्सर्जन में 0.8% या 75 मिलियन टन की वृद्धि हुई।
ii.संयुक्त राज्य अमेरिका में 2020 में उत्सर्जन में 10% की कमी आई।
अन्य उल्लेखनीय गिरावट
i.बिजली क्षेत्र में, 2020 में CO2 उत्सर्जन में 3.3% (या 450 Mt CO2) की गिरावट आई है जो रिकॉर्ड पर सबसे बड़ी गिरावट है।
ii.2019 के स्तर की तुलना में 2020 में परिवहन से उत्सर्जन 14% गिर गया।
रीन्यूएबल्स जेनरेशन की ग्रोथ में वृद्धि
i.नवीकरणीय उत्पादन का विकास भी CO2 उत्सर्जन के पतन के प्रमुख कारणों में से एक था।
ii.वैश्विक बिजली उत्पादन का हिस्सा 2019 में 27% से बढ़कर 2020 में 29 हो गया, जो रिकॉर्ड पर सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि है।
जीवाश्म ईंधन की घटती मांग
तेल की मांग में 8.6% की गिरावट आई और कोयले में 4% की गिरावट आई।
हाल के संबंधित समाचार:
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) द्वारा निर्मित पहली ‘इलेक्ट्रिसिटी मार्केट रिपोर्ट’ 2020 के अनुसार, महामारी के कारण वैश्विक बिजली की मांग में 2% की गिरावट होने की उम्मीद है।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के बारे में:
कार्यकारी निदेशक– डॉ फतिह बिरोल
स्थापित– 1974
मुख्यालय- पेरिस, फ्रांस