विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस हर साल 21 अगस्त को दुनिया भर में वरिष्ठ नागरिकों के समाज में वरिष्ठ नागरिकों के बहुमूल्य योगदान को सम्मानित करने और स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है।
- यह दिन उनके समर्पण, उपलब्धियों और सेवाओं के लिए हमारी प्रशंसा दिखाने का अवसर प्रदान करता है जो वे जीवन भर देते हैं।
परीक्षा संकेत:
- घटना: विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस 2025
- कब? अगस्त 21 (वार्षिक)
- उद्घोषणा: 1988 में पूर्व USA राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन द्वारा उद्घोषणा 5847 के माध्यम से घोषित
- UNGA: 1 अक्टूबर को वृद्ध व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में नामित किया गया
- उद्देश्य: स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं, बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार, अलगाव, वित्तीय असुरक्षा और साइबर जोखिमों को उजागर करना।
- WHO अनुमान: 2030 -1 6 आयु वर्ग के 60+ में; 2050 – 2.1 बिलियन।
- भारत 2050: 300 मिलियन।
विषय:
2025 थीम: ‘समावेशी भविष्य के लिए बुजुर्ग आवाज़ों को सशक्त बनाना’ (यह विषय आधिकारिक नहीं है लेकिन कई स्रोतों द्वारा इसका उल्लेख किया गया है)।
फोकस: समाज में वृद्ध वयस्कों की अंतर्दृष्टि, अनुभवों और ज्ञान को पहचानने और बढ़ाने पर जोर देता है।
पृष्ठभूमि:
उद्घोषणा: संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के तत्कालीन पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 19 अगस्त, 1988 को उद्घोषणा 5847 पर हस्ताक्षर करने के बाद आधिकारिक तौर पर विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस की घोषणा की।
UNGA का पदनाम: इसके बाद, 14 दिसंबर 1990 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 1 अक्टूबर को वृद्ध व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में नामित किया, जिसे प्रतिवर्ष मनाया जाना था।
महत्व: स्वास्थ्य के मुद्दों, बुजुर्गों के दुर्व्यवहार, अलगाव, वित्तीय असुरक्षा और साइबर जोखिमों जैसी चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाते हुए वरिष्ठ नागरिकों की उपलब्धियों और ज्ञान का सम्मान करता है, उनकी गरिमा और समावेश को बढ़ावा देता है।
मुख्य तथ्यों:
ऐतिहासिक जनसांख्यिकीय बदलाव (2020): इतिहास में पहली बार 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की संख्या पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की संख्या को पार कर गई।
देश-विशिष्ट रुझान: यह बदलाव जापान और इटली जैसे देशों में सबसे अधिक दिखाई देता है, जहाँ 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग क्रमशः लगभग एक-तिहाई और एक-चौथाई आबादी के लिए जिम्मेदार हैं।
WHO प्रोजेक्शन: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2030 तक, दुनिया भर में 6 में से 1 व्यक्ति 60 या उससे अधिक आयु का होगा।
- 2050 तक, बुजुर्गों की आबादी 2.1 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है – 2020 में दर्ज 1 बिलियन से दोगुना।
भारत की वृद्ध जनसंख्या का दृष्टिकोण:
जनसंख्या अनुमान (2011-2031): वर्ष 2020 की जनसंख्या अनुमान रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2011 में भारत में 103.8 मिलियन वृद्ध थे, वर्ष 2031 तक यह संख्या बढ़कर 193.4 मिलियन होने की उम्मीद है।
फ्यूचर आउटलुक (2050): वर्ष 2050 तक भारत की वरिष्ठ नागरिकों की आबादी 300 मिलियन से अधिक होने का अनुमान है, जिसका मुख्य कारण प्रजनन दर में गिरावट और बढ़ती जीवन प्रत्याशा है।
भारत में वृद्ध व्यक्तियों के लिये प्रमुख पहल:
विधायी और नीतिगत ढांचा:
- माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 (MWPSC अधिनियम): बच्चों/रिश्तेदारों को माता-पिता को रखरखाव प्रदान करने के लिए अनिवार्य करता है; हर जिले में वृद्धाश्रम की व्यवस्था है।
- वृद्ध व्यक्तियों पर राष्ट्रीय नीति (NPOP), 1999: बुजुर्गों के लिये सामाजिक, वित्तीय और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की रूपरेखा।
सामाजिक सुरक्षा और पेंशन योजनाएं:
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS): राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के हिस्से के रूप में 1995 में शुरू की गई, IGNOAPS 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे वृद्धावस्था में बुनियादी जीवन स्तर और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।
वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना (VPBY): वित्त मंत्रालय (MoF) द्वारा 2003 में शुरू की गई, VPBY एक सामाजिक सुरक्षा योजना है जिसे वरिष्ठ नागरिकों को सेवानिवृत्ति के बाद गारंटीकृत न्यूनतम पेंशन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह योजना भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के माध्यम से प्रशासित की जा रही है।
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY): पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के तहत भारत सरकार द्वारा 2017 में शुरू की गई, PMVVY एक पेंशन योजना है जिसका उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को उनके निवेश पर न्यूनतम रिटर्न की गारंटी प्रदान करना है।
अन्य कार्यक्रम:
राष्ट्रीय वयोश्री योजना (RVY): सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) द्वारा वर्ष 2017 में शुरू की गई, RVY आयु से संबंधित विकलांगता वाले BPL वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त सहायक उपकरण प्रदान करती है, जिससे उनकी गतिशीलता और जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (SCWF): वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के तहत 2016 में स्थापित, MoF SCWF बुजुर्ग नागरिकों के लिए कल्याणकारी पहलों के वित्तपोषण के लिए लघु बचत योजनाओं (SSS) से लावारिस राशि का उपयोग करता है, उनकी भलाई और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देता है।
बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPHCE): NPHCE को वर्ष 2010-11 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा बुजुर्गों के लिये प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक स्तरों पर स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने के लिये शुरू किया गया था।
आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY): 2018 में शुरू की गई, भारत सरकार (GoI) की यह प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना वरिष्ठ नागरिकों सहित आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करती है, जो वित्तीय बोझ के बिना गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपचार तक पहुंच सुनिश्चित करती है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार (वयोश्रेष्ठ सम्मान): वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, जिसे वयोश्रेष्ठ सम्मान भी कहा जाता है, 2005 में वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित करने के लिए स्थापित किया गया था।
- हर साल, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर पुरस्कार प्रदान करता है।
- आइकॉनिक मदर का पुरस्कार: यह विशेष श्रेणी उन वरिष्ठ महिला नागरिकों को पहचानती है जिन्होंने महत्वपूर्ण चुनौतियों के बावजूद उच्च उपलब्धि प्राप्त करने वाले बच्चों की परवरिश में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
एल्डरलाइन (14567): वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन (स्वास्थ्य देखभाल, दुर्व्यवहार रिपोर्टिंग, परामर्श के लिए सहायता)।