दूध के बारे में जागरूकता पैदा करने और वैश्विक भोजन के रूप में दूध और डेयरी उत्पादों के महत्व को उजागर करने के लिए विश्व दुग्ध दिवस प्रतिवर्ष 1 जून को दुनिया भर में मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर में डेयरी क्षेत्र का उत्सव मनाना और दूध और दूध उद्योग से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
- विश्व दुग्ध दिवस 2021 का विषय पर्यावरण, पोषण और सामाजिक-अर्थशास्त्र के संदेशों के साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता पर केंद्रित है।
पृष्ठभूमि:
i.विश्व दुग्ध दिवस 2001 में संयुक्त राष्ट्र (UN) के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा स्थापित किया गया था।
ii.पहला विश्व दुग्ध दिवस 1 जून 2001 को मनाया गया था।
1 जून क्यों?
1 जून को विश्व दुग्ध दिवस के रूप में चुना गया था क्योंकि विभिन्न सदस्य देश पहले से ही 1 जून को या उसके आसपास राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मना रहे थे।
आयोजन 2021:
विश्व दुग्ध दिवस 2021 के उत्सव के एक भाग के रूप में, एन्जॉय डेयरी रैली 29 से 31 मई 2021 तक आयोजित की गई थी।
भारत की श्वेत क्रांति:
i.राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) ने 1969 में भारत में व्यवहार्य, स्व-सहायक डेयरी उद्योग की नींव रखने के लिए एक डेयरी विकास कार्यक्रम तैयार किया था।
ii.ऑपरेशन फ्लड जुलाई 1970 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और खाद्य और कृषि संगठन (FAO) की तकनीकी सहायता से शुरू किया गया था।
iii.ऑपरेशन फ्लड ने श्वेत क्रांति का नेतृत्व किया, जिसने एक राष्ट्रीय दूध ग्रिड बनाया जिसने पूरे भारत में दूध उत्पादकों को जोड़ा।
iv.डॉ वर्गीज कुरियन को “श्वेत क्रांति के जनक“ के रूप में जाना जाता है।