संयुक्त राष्ट्र (UN) विश्व जल दिवस हर साल 22 मार्च को दुनिया भर में मीठे पानी के महत्व को उजागर करने और वैश्विक जल संकट को दूर करने के लिए मनाया जाता है।
- विश्व जल दिवस 2025 का विषय ‘ग्लेशियर प्रिजर्वेशन’ है, जो मीठे पानी की आपूर्ति में ग्लेशियरों की महत्वपूर्ण भूमिका और जलवायु परिवर्तन के बीच संरक्षण की तत्काल आवश्यकता पर जोर देता है।
नोट: 2025 में, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) इस उत्सव के लिए जिम्मेदार प्रमुख UN एजेंसियां हैं।
पृष्ठभूमि:
i.ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 1992 के पर्यावरण और विकास पर UN सम्मेलन (UNCED) के दौरान प्रस्तावित किया।
ii.दिसंबर 1992 में संकल्प A/RES/47/193 के माध्यम से UN महासभा (UNGA) द्वारा आधिकारिक रूप से अपनाया गया।
- यह दिन पहली बार 22 मार्च 1993 को मनाया गया था।
iii.यह दिवस प्रतिवर्ष UN-वाटर द्वारा आयोजित किया जाता है और प्रासंगिक अधिदेशों वाले इसके एक या अधिक सदस्यों और भागीदारों द्वारा इसका नेतृत्व किया जाता है।
महत्व:
i.सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल तक पहुंच से वंचित 2.2 बिलियन लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
ii.सतत विकास लक्ष्य (SDG) 6 का समर्थन करता है: 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता सुनिश्चित करना।
UN विश्व जल विकास रिपोर्ट 2025:
i.2025 विश्व जल विकास रिपोर्ट (WWDR), जिसका शीर्षक ‘वाटर टावर्स: माउंटेन्स एंड ग्लाइडस‘ है, UNESCO द्वारा UN-वाटर के तहत प्रकाशित की जाती है।
ii.यह ग्लेशियरों की रक्षा के लिए तत्काल जलवायु कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करता है, जो SDG 6 को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
मुख्य निष्कर्ष:
i.यह चेतावनी देता है कि जैसे-जैसे जलवायु गर्म होती जा रही है, आने वाले दशकों में कई ग्लेशियर “अनिवार्य रूप से” गायब हो जाएंगे। अनुमानों से पता चलता है कि 1.5-4 °C (डिग्री सेल्सियस) के तापमान में वृद्धि से ग्लेशियर 2100 तक अपने 2015 के द्रव्यमान का 26-41% खो सकते हैं।
ii.रिपोर्ट में पीने और कृषि के लिए पानी की कमी, स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर तनाव और “विनाशकारी” ग्लेशियल झील के फटने से बाढ़ (GLOFs) के बढ़ते जोखिम सहित कई तरह के प्रभावों पर प्रकाश डाला गया है।
iii.एशिया-प्रशांत (तीसरे ध्रुव) में ग्लेशियर वैश्विक औसत से अधिक तेजी से पीछे हट रहे हैं, जिससे नीचे की ओर रहने वाले 2 बिलियन लोगों की जल सुरक्षा को खतरा है।
iv.मध्य और दक्षिण एशिया में हिंदू कुश हिमालय (HKH) क्षेत्र में ध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर सबसे बड़ा बर्फ भंडार है, ग्लेशियर खतरनाक गति से पीछे हट रहे हैं।
- 2011 और 2020 के बीच, ग्लेशियर के नुकसान की दर पिछले दशक (इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD), 2023) की तुलना में 65% अधिक तेज थी।
v.वर्ष 2050 तक नदियों के प्रवाह में 40% की कमी आने की संभावना है, जिससे खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है।
भारत में 2025 के कार्यक्रम:
विश्व जल दिवस 2025 पर, जल शक्ति मंत्रालय (MoJS) ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) और हरियाणा सरकार के सहयोग से पंचकूला, हरियाणा में जल शक्ति अभियान: कैच द रेन (JSA:CTR) – 2025 का शुभारंभ किया।
- केंद्रीय मंत्री चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल, MoJS और नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री (हरियाणा के CM) ने हरियाणा JSA:CTR – 2025 में विभिन्न जल संरक्षण कार्यों का शुभारंभ किया।
i.यह पहल भारत भर के 148 जिलों को लक्षित करती है, जो सरकारी एजेंसियों, समुदायों और हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देती है ताकि स्थायी जल संसाधन प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके और “हर बूंद मायने रखती है” के दृष्टिकोण को वास्तविकता बनाया जा सके।
ii.‘पीपल्स एक्शन फॉर वाटर कन्सेर्वटिव – टुवर्ड्स इंटेसिफाइड कम्युनिटी कनेक्ट’ शीर्षक से यह अभियान जलवायु परिवर्तन और बढ़ती जल चुनौतियों से निपटने के लिए जल सुरक्षा, वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण की तत्काल आवश्यकता पर केंद्रित है।
iii.कार्यक्रम के दौरान नदियों, झरनों और जंगलों के बीच पारिस्थितिक संबंध को मजबूत करने के लिए ‘जल-जंगल-जन: एक प्राकृतिक बंधन अभियान’ (वाटर-फारेस्ट-पीपल: द इन्ट्रिंसिक बांड कैंपेन) शुरू किया गया।
iv.वैज्ञानिक जल संसाधन प्रबंधन का समर्थन करने के लिए हरियाणा के लिए ‘मुख्यमंत्री जल संचय योजना’ और जल संसाधन एटलस का शुभारंभ किया गया।