विश्व कठपुतली दिवस (WPD) प्रतिवर्ष 21 मार्च को दुनिया भर में कठपुतली की प्राचीन कला को एक शैक्षिक उपकरण और वैश्विक कला रूप के रूप में बढ़ावा देने और सम्मान देने तथा दुनिया भर के कठपुतली कलाकारों को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है।
- WPD 2025 का विषय, “रोबोट्स, AI, एंड द ड्रीम ऑफ द पपेट?” है
- WPD का वार्षिक पालन दुनिया के सबसे पुराने अंतरराष्ट्रीय थिएटर संगठन, UNIMA (UNion Internationale de la MArionnette) द्वारा किया जाता है, जो संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) से संबद्ध एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) है।
पृष्ठभूमि:
i.विश्व कठपुतली दिवस की शुरुआत UNIMA द्वारा 2003 में की गई थी, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर कठपुतली कलाकारों को एकजुट करना था।
ii.पहला विश्व कठपुतली दिवस 21 मार्च 2003 को मनाया गया था।
नोट: WPD अब UNIMA के राष्ट्रीय केंद्रों और सदस्यों के माध्यम से दुनिया भर में मनाया जाता है।
कठपुतली क्या है?
i.कठपुतली कहानी कहने की एक प्राचीन कला है, जिसमें कठपुतलियों नामक आकृतियों को एक कथा को निभाने के लिए हेरफेर किया जाता है।
ii.कठपुतली को एनिमेट करने या हेरफेर करने वाले व्यक्ति को कठपुतली कहा जाता है। विभिन्न प्रकार की कठपुतलियों में स्ट्रिंग कठपुतलियाँ (मैरियोनेट), छाया कठपुतलियाँ, दस्ताने वाली कठपुतलियाँ, रॉड कठपुतलियाँ आदि शामिल हैं।
मुख्य बिंदु:
i.“कठपुतली” शब्द लैटिन शब्द ‘प्यूपा’ से लिया गया है जिसका अर्थ गुड़िया है।
ii.भारत को कठपुतलियों का घर कहा जाता है, और कठपुतली कला का सबसे पहला संदर्भ तमिल क्लासिक ‘सिलप्पादिकारम’ में मिलता है, जिसे इलांगो अदिगल ने पहली या दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास लिखा था।
UNESCO द्वारा घोषित कठपुतली तकनीकें:
i.कई कठपुतली तकनीकों को UNESCO की सूची में शामिल किया गया है:
- मानवता की मौखिक और अमूर्त विरासत की उत्कृष्ट कृतियों की प्रतिनिधि सूचियाँ
- मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची
- अच्छी सुरक्षा प्रथाओं का रजिस्टर।
1.मानवता की मौखिक और अमूर्त विरासत की उत्कृष्ट कृतियों की प्रतिनिधि सूचियाँ: श्रीलंका का रुकदा नाट्य, श्रीलंका में पारंपरिक स्ट्रिंग कठपुतली नाटक (2018); इंडोनेशिया का वायंग कठपुतली थियेटर (2003); जापान का निंग्यो जोहरुरी बुनराकू कठपुतली थियेटर (2003)।
2.मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूचियाँ: स्पेन का अल्जेमेसी का ‘ला मारे डे देउ डे ला सालुट’ उत्सव (2011); इंडोनेशिया का इंडोनेशियाई बाटिक (2009); और जापान का नोगाकु थिएटर (2008)।
3.अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के उद्देश्य से कार्यक्रम, परियोजनाएँ और गतिविधियाँ: फ़ुज़ियान कठपुतली चिकित्सकों की आने वाली पीढ़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए चीन की रणनीति (2012)।
UNion Internationale de la MArionnette (UNIMA) के बारे में:
अध्यक्ष– करेन स्मिथ
मुख्यालय– चार्लेविले-मेज़िएरेस, फ्रांस
स्थापना– 20 मई 1929