मूडीज़ ने अपनी रिपोर्ट ‘सरकार नीति – भारत: बजट व्यापक समर्थन प्रदान करेगा; राजकोषीय समेकन की संभावनाएं अभी भी कमजोर हैं‘ इससे पहले के 14.3% से वित्त वर्ष 22 के लिए भारत की नाममात्र GDP वृद्धि ~17% बढ़ गई है। प्रक्षेपण ‘प्रो-ग्रोथ’ बजट के आधार पर किया गया है। यह पूर्वानुमान केंद्रीय बजट 2021-22 में अनुमानित 14.4% से अधिक है।
रिपोर्ट में राजकोषीय समेकन की कमजोर संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला गया है।
रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं
राजकोषीय घाटा
i.मूडीज ने वित्त वर्ष 21 के लिए भारत के राजकोषीय घाटे को GDP के 7.5% पर और वित्त वर्ष 22 के लिए 5.5% का अनुमान लगाया है।
ii.जबकि बजट में वित्त वर्ष 21 के लिए 9.5% और वित्त वर्ष 22 के लिए 6.8% का अनुमान है।
बजट
i.मूडीज के अनुसार उच्च पूंजीगत व्यय, वित्तीय सुधारों और एसेट सेल्स पर बजट का फोकस विकास को बढ़ावा देने और व्यापक-आधारित क्रेडिट समर्थन की आपूर्ति करने में मदद करता है।
ii.लेकिन, कार्यान्वयन जोखिम बने रहेंगे और धीमी बजटीय समेकन से मध्यम अवधि में राजकोषीय मजबूती सीमित हो जाएगी।
हाल के संबंधित समाचार:
20 सितंबर 2020 को, कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार में मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताया कि वित्त मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, कम आधार पर वित्त वर्ष 2022 (2021-22) में भारत का नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद 19% बढ़ने की उम्मीद है।
मूडी के बारे में:
मुख्यालय– न्यू यॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका
अध्यक्ष और CEO– रॉबर्ट (रॉब) फॉबर।