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वित्त वर्ष 2025 के दौरान USA और सिंगापुर ने एक-तिहाई FDI प्राप्त किया: RBI जनगणना

अक्टूबर 2025 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने विदेशी देनदारियों और परिसंपत्तियों (FLA) पर वार्षिक जनगणना के 2024-25 दौर के अनंतिम परिणाम जारी किए।

  • जनगणना के अनुसार, 2024-25 के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) और सिंगापुर का योगदान एक-तिहाई से अधिक था।

Exam Hints:

  • क्या? FLA 2024-25 पर RBI की जनगणना जारी
  • प्रतिभागी: 45,702 संस्थाएँ
  • शीर्ष स्रोत: USA, सिंगापुर, मॉरीशस, UK, नीदरलैंड
  • बाज़ार मूल्य: गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में FDI, सूचीबद्ध कंपनियों से अधिक
  • क्षेत्र विशेष: पहला – विनिर्माण क्षेत्र, दूसरा – सेवा क्षेत्र

मुख्य विशेषताएँ

जनगणना का दायरा: इसमें आवक/जावक प्रत्यक्ष निवेश (DI) वाली भारतीय संस्थाओं (कंपनियाँ, सीमित देयता भागीदारी (LLP), वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) और साझेदारी फर्म) की सीमा-पार देनदारियों और परिसंपत्तियों को शामिल किया गया है।

एकत्रित जानकारी: जनगणना में निम्नलिखित के बारे में विस्तृत जानकारी शामिल है:

  • सीमा-पार प्रत्यक्ष और अन्य निवेशों के कारण उत्पन्न होने वाली भारतीय DI संस्थाओं की देनदारियों और परिसंपत्तियों का बाज़ार मूल्य।
  • रिपोर्टिंग इकाई के पहचान विवरण के अलावा व्यापार पैरामीटर (अर्थात, गतिविधि क्षेत्र, बिक्री, खरीद, निर्यात और आयात)।

प्रतिभागी: नवीनतम जनगणना में भाग लेने वाली 45,702 संस्थाओं में से, 41,517 ने मार्च 2025 तक अपनी बैलेंस शीट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और/या विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (ODI) की उपस्थिति की सूचना दी।

  • इन संस्थाओं में से, 33,637 ने पिछली जनगणना में भी सूचना दी थी, और 7,880 ने वर्तमान जनगणना में नई सूचना दी है।
  • आवक प्रत्यक्ष निवेश की सूचना देने वाली तीन-चौथाई से अधिक कंपनियाँ विदेशी कंपनियों की सहायक कंपनियाँ थीं।

मुख्य निष्कर्ष:

शीर्ष स्रोत: संयुक्त राज्य अमेरिका और सिंगापुर के अलावा, अन्य शीर्ष स्रोतों में मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम (UK) और नीदरलैंड शामिल थे।

  • ODI के मामले में भी, सिंगापुर, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम शीर्ष गंतव्य थे।

निवेश अवलोकन: मार्च 2025 में प्रतिक्रिया देने वाली 97% से अधिक DI इकाइयाँ गैर-सूचीबद्ध थीं और भारत में अधिकांश FDI इक्विटी पूँजी उन्हीं के पास थी।

  • गैर-वित्तीय कंपनियों के पास अंकित मूल्य पर5% FDI इक्विटी थी।

प्रतिशत वितरण:

2024-25 के दौरान कुल FDI 68,75,931 करोड़ रुपये था, जिसमें अमेरिका का हिस्सा 20 प्रतिशत था, उसके बाद सिंगापुर (14.3 प्रतिशत), मॉरीशस (13.3 प्रतिशत), UK (11.2 प्रतिशत) और नीदरलैंड (9 प्रतिशत) का स्थान था।

  • प्रत्यक्ष बाह्य निवेश (11,66,790 करोड़ रुपये) के मामले में, सिंगापुर का हिस्सा2 प्रतिशत था, उसके बाद अमेरिका (15.4 प्रतिशत), UK (12.8 प्रतिशत) और नीदरलैंड (9.6 प्रतिशत) का स्थान था।

बाजार मूल्य के संदर्भ में: मार्च 2025 के अंत तक गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का बाजार मूल्य सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार मूल्य से अधिक हो गया।

  • बाजार मूल्य के संदर्भ में, 2024-25 के दौरान रुपये के संदर्भ में, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (ODI) (17.9%) की वृद्धि दर, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) (11.1%) की वृद्धि दर से अधिक रही।

क्षेत्रविशिष्ट: बाजार मूल्य (48.4%) और अंकित मूल्य (37.8%) पर कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) इक्विटी पूंजी में विनिर्माण क्षेत्र का सबसे अधिक हिस्सा रहा।

  • FDI इक्विटी में सेवा क्षेत्र दूसरे स्थान पर रहा, जिसमें ‘सूचना एवं संचार’ तथा ‘वित्तीय एवं बीमा गतिविधियाँ’ सबसे आगे रहीं।