राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) स्थापना दिवस पूरे भारत में 19 जनवरी को प्रतिवर्ष मनाया जाता है, जो गृह मंत्रालय (MHA) के तहत एक विशेष बल NDRF की स्थापना का प्रतीक है।
- 19 जनवरी, 2025 को 20वां NDRF स्थापना दिवस मनाया जाएगा
नोट: NDRF, आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक ‘विशेष बल’ है, जिसे बाढ़, चक्रवात और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं और रासायनिक रिसाव और आतंकवादी हमलों जैसी मानव निर्मित आपदाओं दोनों का जवाब देने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
पृष्ठभूमि:
i.भारत ने 1990 और 2004 के बीच विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं की एक श्रृंखला का अनुभव किया, जिसके कारण 26 दिसंबर, 2005 को आपदा प्रबंधन (DM) अधिनियम बनाया गया।
ii.इस अधिनियम ने धारा 44 के तहत NDRF की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया, जिसके तहत 19 जनवरी, 2006 को आधिकारिक तौर पर बल का गठन किया गया, जो भारत की प्रमुख आपदा प्रतिक्रिया इकाई बन गई।
- तब से, NDRF स्थापना दिवस प्रतिवर्ष 19 जनवरी को मनाया जाता है।
iii.इसका उद्देश्य पूरे भारत में प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए व्यापक योजनाओं, नीतियों और दिशानिर्देशों को विकसित और कार्यान्वित करना है।
संगठन और संरचना:
i.गठन और विस्तार: 2006 में 8 बटालियनों के साथ शुरू में गठित, NDRF में वर्तमान में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के कर्मियों के विभिन्न बलों की 16 बटालियन शामिल हैं, जिनमें: असम राइफल्स (AR), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) शामिल हैं।
ii.टीम संरचना: प्रत्येक बटालियन में 18 विशेष खोज और बचाव (SAR) टीमें होती हैं, जिनमें से प्रत्येक में 45 कर्मी होते हैं। टीमों में: इंजीनियर, तकनीशियन, इलेक्ट्रीशियन, डॉग स्क्वॉड और मेडिकल/पैरामेडिक कर्मचारी शामिल हैं।
iii.कुल कार्मिक और अवसंरचना: प्रत्येक बटालियन में 1,149 कार्मिक हैं, जिसमें पूरे भारत में 28 क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र (RRC) और 24 सामरिक पूर्व-स्थिति स्थान (TPL) हैं। बल की स्वीकृत शक्ति 18,556 थी।
- बटालियन प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं, जिसमें रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (CBRN) आपात स्थितियाँ शामिल हैं, दोनों से निपटने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हैं।
उपलब्धियाँ:
i.बचाव अभियान: NDRF ने 1.55 लाख से अधिक लोगों की जान बचाई है और गंभीर परिस्थितियों में 7.88 लाख से अधिक फंसे हुए व्यक्तियों को निकाला है।
ii.वैश्विक हस्तक्षेप: बल ने वैश्विक संकटों जैसे: जापान ट्रिपल डिजास्टर (2011), नेपाल भूकंप (2015) और तुर्की भूकंप (2023) के दौरान भी सहायता प्रदान की है।
iii.2024 में, NDRF ने रिकॉर्ड 1,038 ऑपरेशन किए, जिसमें 4,000 से अधिक लोगों की जान बचाई गई और 63,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
2025 के कार्यक्रम:
NDRF का 20वां स्थापना दिवस समारोह आंध्र प्रदेश (AP) के कृष्णा जिले के कोंडापावुलुरू में स्थित NDRF की 10वीं बटालियन में आयोजित किया गया, जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह, गृह मंत्रालय मुख्य अतिथि थे।
- कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया और लगभग 220 करोड़ रुपये की विभिन्न पहलों की आधारशिला रखी।
प्रमुख लोग:
AP के मुख्यमंत्री (CM), N. चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय मंत्री, K. राममोहन, नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA), केंद्रीय राज्य मंत्री, बंदी संजय कुमार, MHA, गृह सचिव गोविंद मोहन और NDRF के महानिदेशक (DG) पीयूष आनंद।
परियोजनाओं में शामिल हैं:
i.आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM), AP के राष्ट्रीय दक्षिण परिसर का उद्घाटन किया।
ii.NDRF की 10वीं बटालियन का उद्घाटन किया।
iii.सुपौल (9वीं बटालियन) परिसर, AP में क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र (RRC) का उद्घाटन किया।
iv.हैदराबाद, तेलंगाना में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (NPA) में 27 करोड़ रुपये की लागत से ‘एकीकृत इनडोर शूटिंग रेंज’ की आधारशिला रखी।
- इस रेंज का उपयोग भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों को शूटिंग कौशल में प्रशिक्षित करने के लिए किया जाएगा। यह रेंज 50 मीटर (m) लंबी होगी और इसमें 10 लेन होंगी, ताकि 10 लोग एक ही समय में शूटिंग का अभ्यास कर सकें।
- यह सभी मौसम की स्थिति में चालू रहेगा और इसमें अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने वाली उन्नत, स्वचालित तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह भारत में पुलिस बलों के लिए एक अनूठी सुविधा होगी।
v.तिरुपति, AP में क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (RFSL) भवन का उद्घाटन किया।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के बारे में:
महानिदेशक (DG)- पीयूष आनंद
मुख्यालय– नई दिल्ली, दिल्ली
स्थापना– 2006