राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस, जिसे अल्पसंख्यक दिवस के रूप में भी जाना जाता है, धार्मिक अल्पसंख्यकों के संवैधानिक रूप से सुनिश्चित अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 18 दिसंबर को पूरे भारत में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य भारत में अल्पसंख्यकों के लिए स्वतंत्रता और समान अवसरों के महत्व को उजागर करना है, साथ ही उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
- अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 2024 का विषय “प्रमोटिंग डाइवर्सिटी एंड प्रोटेक्टिंग राइट्स” है।
- 18 दिसंबर 2024 को 12वां अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जाएगा।
अल्पसंख्यक अधिकार दिवस का महत्व
- अल्पसंख्यक अधिकार दिवस, 18 दिसंबर, 1992 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा संकल्प A/RES/47/135 के माध्यम से राष्ट्रीय, जातीय, धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर घोषणा को अपनाने के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
- भारत में, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पहली बार 18 दिसंबर 2013 को मनाया गया था।
अल्पसंख्यक कौन हैं?
i.अल्पसंख्यक समूह को ऐसे समुदाय के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक प्रभुत्व का अभाव होता है और जो देश के भीतर संख्यात्मक रूप से कमतर होता है।
ii.राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) अधिनियम, 1992 की धारा 2 (c) के तहत, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और ज़ोरोस्ट्रियंस (पारसी) को अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में अधिसूचित किया गया है।
iii.हालांकि, जैन को 2014 में ही अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में अधिसूचित किया गया था।
2024 के कार्यक्रम:
18 दिसंबर 2024 को, केंद्रीय राज्य मंत्री (MoS), जॉर्ज कुरियन, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (MoMA) ने नई दिल्ली, दिल्ली में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा और NCM के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में अल्पसंख्यक दिवस 2024 के आयोजन की शुरुआत की।
केंद्रीय राज्य मंत्री (MoS), जॉर्ज कुरियन ने प्रधानमंत्री के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास (टुगेदर विथ आल, डेवलपमेंट फॉर आल, ट्रस्ट ऑफ़ आल, एंड एफ्फोर्ट्स बाई आल) के साथ संरेखित करते हुए सरकारी योजनाओं के प्रभावी निष्पादन की आवश्यकता पर जोर दिया
- पुस्तक विमोचन: इकबाल सिंह लालपुरा द्वारा लिखित ‘सिख धर्म‘ पर एक पुस्तक का विमोचन किया।
- न्यूज़लैटर लॉन्च: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के न्यूज़लैटर के तीसरे संस्करण का शुभारंभ किया।
- अल्पसंख्यक दिवस प्रश्नोत्तरी: भारत में विविध अल्पसंख्यक समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अल्पसंख्यक दिवस प्रश्नोत्तरी का शुभारंभ किया।
भारत में अल्पसंख्यकों के लिए प्रमुख पहल और योजनाएँ:
i.राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (NMDFC): NMDFC को 1994 में कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 (अब कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा-8) के तहत शामिल किया गया था। NMDFC के माध्यम से अल्पसंख्यकों को रियायती ऋण किया गया।
ii.नई रोशनी योजना: अल्पसंख्यक महिलाओं के नेतृत्व विकास के लिए योजना है।
iii.‘नई मंज़िल’– अल्पसंख्यक समुदायों के युवाओं को शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना है।
iv.विकास के लिए पारंपरिक कला/शिल्प में कौशल और प्रशिक्षण उन्नयन (USTTAD) योजना: यह योजना अल्पसंख्यकों की पारंपरिक कला और शिल्प, विशेष रूप से हस्तशिल्प और हथकरघा के प्रचार और संरक्षण पर केंद्रित है।
भारत में अल्पसंख्यकों के लिए प्रमुख संवैधानिक सुरक्षाएँ
- मौलिक अधिकार: अनुच्छेद 14, 15, 16 और 21 समानता सुनिश्चित करते हैं, भेदभाव को रोकते हैं और समान सार्वजनिक रोजगार के अवसरों की गारंटी देते हैं।
- सांस्कृतिक अधिकार: अनुच्छेद 29 और 30 अल्पसंख्यक भाषाओं, संस्कृति और शैक्षणिक संस्थानों की रक्षा करते हैं।
- विशेष प्रावधान: अनुच्छेद 350A अल्पसंख्यक बच्चों के लिए मातृभाषा शिक्षा का समर्थन करता है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) के बारे में
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) 1992 में भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वैधानिक निकाय है। इसका उद्देश्य भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों और हितों की रक्षा करना है।
अध्यक्ष – इकबाल सिंह लालपुरा
मुख्यालय – नई दिल्ली, दिल्ली
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (MoMA) के बारे में:
अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय (MoMA) भारत में एक सरकारी मंत्रालय है जिसकी स्थापना 2006 में अल्पसंख्यक समुदायों की चिंताओं और जरूरतों को संबोधित करने के लिए की गई थी।
केंद्रीय मंत्री – किरेन रिजिजू (निर्वाचन क्षेत्र: अरुणाचल पश्चिम, अरुणाचल प्रदेश, AR)
राज्य मंत्री (MoS) – जॉर्ज कुरियन (राज्यसभा – मध्य प्रदेश, MP)