भारतीय नौसेना ने तमिलनाडु के कट्टुपल्ली, चेन्नई में लार्सन एंड टुब्रो (L&T) की जहाज निर्माण सुविधा में भारतीय नौसेना जहाज (INS) “अर्नला”, आठ स्वदेशी निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (ASW-SWC) [यार्ड 3029] में से पहला लॉन्च किया।
- इसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE), कोलकाता, पश्चिम बंगाल द्वारा बनाया गया है।
महत्व: ‘INS अर्नाला’ (यार्ड 3029)
i.जहाज का नाम, “अर्नला,” सामरिक समुद्री महत्व का सम्मान करता है जो मराठा योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज ने अरनाला द्वीप पर दिया था, जो महाराष्ट्र के वसई से लगभग 13 किलोमीटर उत्तर में स्थित है।
ii.रक्षा मंत्रालय (MoD) के वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवा) रसिका चौबे की अध्यक्षता में एक लॉन्च समारोह के दौरान “INS अर्नाला” का बंगाल की खाड़ी के पानी के साथ पहला संपर्क था।
- चौबे ने नौसैनिक समुद्री परंपरा के अनुरूप अथर्व वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ जहाज का शुभारंभ किया।
iii.जहाजों का “अर्नला” वर्ग भारतीय नौसेना के “अभय” वर्ग ASW जहाजों की जगह लेगा।
- इन्हें लो-इंटेंसिटी मैरीटाइम ऑपरेशंस (LIMO) जैसे कि तटीय जल में पानी के नीचे की निगरानी और तटीय जल में एंटी-सबमरीन ऑपरेशंस करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (ASW-SWC) प्रोजेक्ट
i.अप्रैल 2019 में, MoD और GRSE, कोलकाता ने आठ ASW-SWC जहाजों के निर्माण के लिए एक समझौते पर सहमति व्यक्त की।
- GRSE सौदे के अनुसार भारतीय नौसेना के लिए आठ ASW-SWC का निर्माण कर रहा है।
ii.एक बार पूरा हो जाने के बाद, ये ‘साइलेंट हंटर्स’ एक शक्तिशाली बल गुणक होंगे, जिससे तटीय जल में शत्रुतापूर्ण पनडुब्बियों की पहचान करने की भारतीय नौसेना की क्षमता में सुधार होगा।
- ये जहाज 77.6 मीटर लंबे और 10.5 मीटर चौड़े हैं।
- वे 1800 समुद्री मील (NM) की यात्रा कर सकते हैं और उनकी अधिकतम गति 25 समुद्री मील है।
iii.तीन डीजल-संचालित जल जेट द्वारा संचालित जहाज, तटीय समुद्रों के साथ-साथ खोज और हमले के पूर्ण पैमाने पर उपसतह निगरानी करने में सक्षम होंगे।
iv.ASW SWC जहाजों में 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, यह सुनिश्चित करते हुए कि भारतीय विनिर्माण कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन किया जाता है, जिससे भारत में रोजगार और क्षमताएं पैदा होती हैं।
हाल के संबंधित समाचार:
26 नवंबर, 2022 को, चेन्नई (तमिलनाडु) के कट्टुपल्ली में चार सर्वेक्षण जहाजों (बड़े) (SVL) परियोजना में से तीसरा ‘इक्षक’(‘Ikshak’) लॉन्च किया गया था। इसे भारतीय नौसेना के लिए गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) द्वारा बनाया जा रहा है।
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) के बारे में:
GRSE रक्षा मंत्रालय (MoD) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत में प्रमुख युद्धपोत निर्माण कंपनी है।
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD) – कमोडोर (सेवानिवृत्त) PR हरि
निगमन – 1976
मुख्यालय – कोलकाता, पश्चिम बंगाल