प्रधान मंत्री (PM) नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी का एक दिवसीय दौरा किया। यात्रा के दौरान, उन्होंने 1500 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखी।
- उन्होंने लगभग 744 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसमें बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी(BHU) में 100 बेड का MCH(मदर & चाइल्ड हॉस्पिटल) विंग, गोदौलिया में मल्टी लेवल पार्किंग, गंगा नदी पर पर्यटन विकास के लिए रो-रो(रोल-ऑन/रोल-ऑफ) वेसल्स और वाराणसी-गाजीपुर हाईवे पर 3 लेन फ्लाईओवर ब्रिज शामिल हैं।
- उन्होंने 839 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं और सार्वजनिक कार्यों की आधारशिला रखी। इसमें सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी(CIPET) का सेंटर फॉर स्किल एंड टेक्निकल सपोर्ट, जल जीवन मिशन के तहत 143 ग्रामीण परियोजनाएं और करखियां में आम और सब्जी एकीकृत पैक हाउस शामिल हैं।
- ‘रुद्राक्ष’ – एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कन्वेंशन सेंटर का भी उद्घाटन PM मोदी ने किया।
- PRASHAD (पिल्ग्रिमेज रेजुवेनशन एंड स्पिरिटुअल हेरिटेज ऑग्मेंटेशन ड्राइव) योजना के तहत कई परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया गया।
प्रधानमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें
i.वाराणसी शहर पूर्वांचल क्षेत्र का मेडिकल हब बनने के लिए तैयार है।
- वर्तमान में, वाराणसी में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 8000 करोड़ रुपये की योजनाओं पर काम चल रहा है।
ii.नई उद्घाटन रो-रो सेवा और क्रूज सेवा से शहर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
iii.CIPET जिसके लिए आधारशिला रखी गई थी, शहर के औद्योगिक विकास में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री ने ‘रुद्राक्ष‘ कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया
‘रुद्राक्ष’– ~200 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन PM द्वारा किया गया था।
- केंद्र को जापानीज इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी(JICA) की वित्तीय सहायता से बनाया गया है, जिसने जापानी ODA (ऑफिसियल डेवलपमेंट असिस्टेंस) योजना के तहत 3,042 मिलियन जापानी येन (~ INR 200 करोड़) का अनुदान प्रदान किया।
- केंद्र की फाउंडेशन स्टोन जापानी प्रधान मंत्री शिंजो आबे की 2015 में वाराणसी यात्रा के दौरान रखी गई थी।
i.केंद्र वाराणसी को सम्मेलनों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाएगा, और अधिक पर्यटकों और व्यापारियों को वाराणसी में आकर्षित करेगा।
ii.इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक बातचीत के अवसर प्रदान करना है।
- यह अपने पर्यटन क्षेत्र को विकसित करके वाराणसी की प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करने की उम्मीद है।
iii.केंद्र को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से बनाया गया है और ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटैट असेसमेंट(GRIHA) के स्तर 3 के लिए उपयुक्त है।
- GRIHA एक रेटिंग उपकरण है जो किसी भवन के पर्यावरणीय प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है। GRIHA परिषद द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट(TERI) और मिनिस्ट्री ऑफ़ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी(MNRE) द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित एक स्वतंत्र गैर-लाभकारी संस्था है।
प्रधान मंत्री मोदी ने PRASHAD स्कीम के तहत परियोजनाओं का उद्घाटन किया – चरण II
PM मोदी ने वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया जिसमें ‘डेवलपमेंट ऑफ़ वाराणसी अंडर PRASHAD स्कीम – चरण II’ परियोजना के तहत पर्यटक सुविधा केंद्र शामिल है।
- इसमें ‘डेवलपमेंट ऑफ़ रिवर क्रूज इन वाराणसी अंडर PRASHAD स्कीम’ परियोजना के तहत अस्सी घाट से राजघाट तक क्रूज बोट का संचालन शामिल है।
PRASHAD स्कीम
‘पिल्ग्रिमेज रेजुवेनशन एंड स्पिरिटुअल हेरिटेज ऑग्मेंटेशन ड्राइव(PRASHAD) पर राष्ट्रीय मिशन’ 2014-15 में पर्यटन मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
- इसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से पहचाने गए तीर्थ और विरासत स्थलों का एकीकृत विकास करना है।
i.परियोजना ‘डेवलपमेंट ऑफ़ वाराणसी अंडर PRASHAD स्कीम – चरण II’ को पर्यटन मंत्रालय द्वारा फरवरी 2018 में 44.69 करोड़ रुपये की लागत से अनुमोदित किया गया था।
ii.परियोजना ‘डेवलपमेंट ऑफ़ वाराणसी अंडर PRASHAD स्कीम – चरण II’ को पर्यटन मंत्रालय द्वारा फरवरी 2018 में 10.72 करोड़ रुपये की लागत से अनुमोदित किया गया था।
हाल के संबंधित समाचार:
25 फरवरी 2021 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुडुचेरी और कोयम्बटूर (तमिलनाडु) में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशीला रखी।
उत्तर प्रदेश के बारे में
मुख्यमंत्री – योगी आदित्यनाथ
राज्यपाल – आनंदीबेन पटेल
राजधानी – लखनऊ