विश्व कपास दिवस प्रतिवर्ष 7 अक्टूबर को विश्व भर में आर्थिक विकास में कपास क्षेत्र के हितधारकों के योगदान का उत्सव मनाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन कपास के लिए स्थायी व्यापार नीतियों को भी बढ़ावा देता है और कम से कम विकसित देशों को कपास मूल्य श्रृंखला के साथ अधिक लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
7 अक्टूबर 2021 को प्रथम आधिकारिक संयुक्त राष्ट्र (UN) विश्व कपास दिवस के रूप में मनाया गया है।
इंटरनेशनल कॉटन एडवाइजरी कमेटी (ICAC) के अनुसार, 2021 वर्ल्ड कॉटन डे के लिए आयोजन की थीम ‘कॉटन फॉर गुड’ है।
पृष्ठभूमि:
i.हर साल 7 अक्टूबर को विश्व कपास दिवस मनाने का विचार कॉटन फोर, अफ्रीका के 4 कपास उत्पादक देशों, बेनिन, बुर्किना फासो, चाड और माली द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
ii.विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने 7 अक्टूबर 2019 को जिनेवा में पहले विश्व कपास दिवस (WCD) की मेजबानी की।
- यह कार्यक्रम विश्व व्यापार संगठन द्वारा खाद्य और कृषि संगठन (FAO), व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD), अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र (ITC) और ICAC के सहयोग से आयोजित किया गया था।
iii.30 अगस्त 2021 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने संकल्प A/RES/75/318 को अपनाकर प्रत्येक वर्ष के 7 अक्टूबर को विश्व कपास दिवस के रूप में मनाए जाने को घोषित करने के लिए विश्व कपास दिवस को मान्यता दी।
कपास:
i.कपास एक टिकाऊ और प्राकृतिक रूप से जैविक फाइबर है, जिसका उपयोग कपड़ा, पशु चारा, खाद्य तेल, सौंदर्य प्रसाधन या ईंधन में किया जाता है।
ii.कपास का पौधा जो जलवायु परिवर्तन के लिए प्रतिरोधी है, उसे शुष्क और निर्जल क्षेत्रों में लगाया जा सकता है।
iii.यह दुनिया की कृषि योग्य भूमि का सिर्फ 2.1% हिस्सा लेता है, और दुनिया की 27% कपड़े की जरूरतों को पूरा करता है।
ध्यान दें:
i.भारत अमेरिका और चीन के बाद कपास का सबसे बड़ा उत्पादक है।
ii.भारत में महाराष्ट्र कपास का प्रमुख उत्पादक है और उसके बाद गुजरात है।
OECD-FAO कृषि आउटलुक 2021-2030:
i.OECD-FAO कृषि आउटलुक 2021-2030 के अनुसार, भारत (25%), चीन (22%), संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) (15%), ब्राजील (10%) वैश्विक स्तर पर हावी रहेगा जिससे कपास उत्पादन का लगभग 28.4 मिलियन टन (mt) तक पहुंचने का अनुमान है और भारत दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक बना रहेगा।
ii.भारत, चीन, अमेरिका, ब्राजील और पाकिस्तान कपास के प्रमुख उत्पादक हैं जो वैश्विक उत्पादन में 3 चौथाई से अधिक का योगदान देते हैं।
iii.चीन, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और वियतनाम 5 ऐसे एशियाई देश हैं जो कपास की कुल मिल खपत का 75% हिस्सा रखते हैं।