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जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने आदिवासी गेथेरेर्स को उचित मूल्य प्रदान करने के लिए MSP योजना के तहत 14 नए MFP आइटम शामिल किए

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inclusion of 14 New Minor Forest produce items

जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना के तहत 14 अतिरिक्त लघु वन उपज (MFP) वस्तुओं को शामिल किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आदिवासी गेथेरेर्स को उनके वन उपज के लिए उचित मूल्य मिले।

14 आइटम हैं – तसर कोकून, काजू कर्नेल, एलिफेंट ऐप्पल ड्राई, बैम्बू शूट, मलकानानी बीज, माहुल लेव्स, नागोद, गोखरू, पिप्पा / उचिथी, गम्हार / गामरी, ओरॉक्सीलुमिनदीकुम, जंगली मशरूम ड्राई, श्रृंगराज और ट्री मॉस।

मैकेनिज्म फॉर मार्केटिंग ऑफ़ माइनर फारेस्ट प्रोडूस थ्रू मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) & डेवलपमेंट ऑफ़ वैल्यू चैन फॉर MFP‘ योजना के तहत 14 नई वस्तुओं को MSP में जोड़ा गया है।

i.केंद्र सरकार ने 2011 में ‘मैकेनिज्म फॉर मार्केटिंग ऑफ़ MFP’ योजना के माध्यम से MFP के कुछ उत्पादों के लिए MSP की शुरुआत की।

-उद्देश्य – वंचित वनवासियों को एक सुरक्षा जाल प्रदान करना।

-इस योजना को भारत के 21 राज्यों में राज्य एजेंसियों के साथ TRIFED द्वारा अवधारणा और कार्यान्वित किया गया है।

-इसने अप्रैल 2020 से आदिवासी अर्थव्यवस्था में लगभग 3000 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगाया है।

वन धन आदिवासी स्टार्ट-अप भी इस योजना का हिस्सा हैं, वन धन, MFP योजना के विपणन के लिए तंत्र के साथ-साथ आदिवासी इकट्ठा करने वालों, वनवासियों और स्वदेशी आदिवासी कारीगरों के लिए रोजगार सृजन का एक स्रोत बन गया है।

ii.महामारी के समय में, इसने देश भर में वंचित जनजातियों की आजीविका को बेहतर बनाने में मदद की है।

हाल के संबंधित समाचार:

17 अगस्त 2020 को, केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपनी तरह के पहले ई-पोर्टल “स्वासथिया”, जो एक जनजातीय स्वास्थ्य और पोषण पोर्टल का उद्घाटन किया।

जनजातीय मामलों के मंत्रालय के बारे में:

केंद्रीय मंत्री– अर्जुन मुंडा
राज्य मंत्री (MoS)- रेणुका सिंह सरुता