केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्रालय (MoD), भारत सरकार (GoI) 08 दिसंबर से 10 दिसंबर, 2024 तक रूसी संघ की आधिकारिक 3 दिवसीय यात्रा पर थे।
- उनकी यह यात्रा 2025 की शुरुआत में प्रधान मंत्री (PM) नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से पहले हुई।
- अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने रूस के मॉस्को में ‘द टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर’ पर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मारे गए सोवियत सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
केंद्रीय रक्षा मंत्री की रूस यात्रा की मुख्य बातें:
INS तुशील, मल्टी–रोल स्टील्थ फ्रिगेट को रूस में IN में शामिल किया गया
09 दिसंबर 2024 को, भारतीय नौसेना के जहाज (INS) तुशील (F70), नवीनतम मल्टी-रोल स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट को रूस के कलिनिनग्राद में यंतर शिपयार्ड में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना (IN) में शामिल किया गया।
INS तुशील के बारे में:
i.यह प्रोजेक्ट 1135.6 का उन्नत क्रिवाक III श्रेणी का फ्रिगेट है। वर्तमान में, इस श्रेणी के 6 जहाज IN के साथ सेवा में हैं:
- 3 तलवार श्रेणी के जहाज, जो सेंट पीटर्सबर्ग (रूस) के बाल्टिस्की शिपयार्ड में निर्मित हैं।
- 3 टेग श्रेणी के जहाज, जो कलिनिनग्राद (रूस) के यंतर शिपयार्ड में निर्मित हैं।
नोट: ‘तुशील’ शब्द का अर्थ ‘रक्षक कवच’ है और इसका शिखर ‘अभेद्य कवच’ (इम्पेनेत्रबल शील्ड) का प्रतिनिधित्व करता है।
ii.इसे सभी 4 आयामों यानी हवा, सतह, पानी के नीचे और विद्युत चुम्बकीय में नौसेना युद्ध की विभिन्न श्रेणियों में नीले पानी के संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है।
iii.यह भारत-रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों; उन्नत रेंज के साथ लंबवत लॉन्च की जाने वाली श्टिल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों सहित कई आधुनिक हथियारों से लैस है।
iv.भारतीय नौसेना विशेषज्ञों और रूसी जहाज डिजाइनिंग कंपनी सेवर्नॉय डिजाइन ब्यूरो के सहयोग से INS तुशील की स्वदेशी सामग्री को 26% तक बढ़ा दिया गया है और भारत में निर्मित प्रणालियों की संख्या दोगुनी होकर 33 हो गई है।
- इसमें कई भारतीय फर्मों का योगदान:भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL); ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, भारत और रूस का एक संयुक्त उद्यम और नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम्स; टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी; और कई अन्य सहित शामिल है।
v.यह 125 मीटर (m) लंबा है और इसका वजन 3,900 टन है और यह 30 नॉट से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है।
ध्यान देने योग्य बिंदु:
i.INS तिशूल, दो उन्नत अतिरिक्त फॉलो-ऑन-शिप में से पहला है, इस समझौते पर अक्टूबर 2016 में JSC रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (रूस), IN और भारत सरकार (GoI) के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।
ii.INS तुशील को अक्टूबर 2018 में भारत सरकार और रूस के बीच हस्ताक्षरित 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है।
- समझौते के अनुसार, भारतीय नौसेना के लिए 4 उन्नत क्रिवाक-III श्रेणी के स्टील्थ फ्रिगेट विकसित किए जाएंगे, जिनमें से दो का निर्माण यंतर शिपयार्ड (रूस) में किया जा रहा है और शेष दो का निर्माण गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ लगभग 13,000 करोड़ रुपये की कुल लागत से किया जाएगा।
- रूस में निर्मित दूसरा फ्रिगेट ‘INS तमाल’ फरवरी 2025 में IN को सौंपे जाने की उम्मीद है।
रक्षा मंत्री और उनके रूसी समकक्ष ने मास्को में IRIGC-M&MTC के 21वें सत्र की सह–अध्यक्षता की
10 दिसंबर 2024 को, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, MOD, भारत और एंड्री बेलौसोव, रक्षा मंत्री, रूस ने रूस की राजधानी मास्को में आयोजित भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य & सैन्य तकनीकी सहयोग आयोग (IRIGC-M&MTC) के 21वें सत्र की सह-अध्यक्षता की।
मुख्य बिंदु:
i.रूसी रक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2021-31 के लिए सैन्य तकनीकी सहयोग समझौते के संचालन से GoI की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को आवश्यक बढ़ावा मिलेगा।
- उन्होंने 2025 में IRIGC-M&MTC के 22वें सत्र की सह-अध्यक्षता करने के लिए भारत आने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के निमंत्रण को भी स्वीकार कर लिया।
ii.सत्र के अंत में, दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने सहयोग के चल रहे और संभावित क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए 21वीं IRIGC-M&MTC बैठक के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए।
रक्षा मंत्रालय (MoD) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री– राजनाथ सिंह (निर्वाचन क्षेत्र- लखनऊ, उत्तर प्रदेश (UP))
राज्य मंत्री (MoS)– संजय सेठ (निर्वाचन क्षेत्र- रांची, झारखंड)
रूस के बारे में:
राजधानी– मास्को
राष्ट्रपति– व्लादिमीर पुतिनमुद्रा- रूसी रूबल (RUB)