दिसंबर 2024 में, केंद्रीय मंत्री H.D. कुमारस्वामी, मिनिस्ट्री ऑफ स्टील (MoS) और मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज & पब्लिक इंटरप्राइजेज (MoHI&PE) ने नई दिल्ली, दिल्ली में विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ‘ग्रीन स्टील ऑफ टैक्सोनॉमी फॉर इंडिया’ का अनावरण किया। इसके साथ ही, भारत ग्रीन स्टील के लिए टैक्सोनॉमी लॉन्च करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
- इस लॉन्च ने स्टील क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन तीव्रता लक्ष्य के अनुरूप भी है।
- कार्यक्रम के दौरान MoS ने ग्रीन स्टील पर राष्ट्रीय मिशन (NMGS) और ग्रीन स्टील पब्लिक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी (GSPPP) के मसौदे पर हितधारक परामर्श भी आयोजित किया है।
ग्रीन स्टील टैक्सोनॉमी की विशेषताएं:
i.नए ढांचे के अनुसार, ग्रीन स्टील को इसकी उत्सर्जन तीव्रता के संदर्भ में परिभाषित किया जाएगा। इसने प्रति टन तैयार स्टील (tCO2e/tfs) पर 2.2 टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन की सीमा तय की है।
- यदि स्टील प्लांट की उत्सर्जन तीव्रता का प्रतिशत 2.2 tCO2e/tfs से कम है, तो स्टील को “ग्रीन स्टील” कहा जाएगा।
ii.नए जारी किए गए वर्गीकरण ने स्टील की ग्रीननेस के आधार पर ग्रीन स्टील को 3 मुख्य स्टार–रेटिंग श्रेणियों में वर्गीकृत किया है:
- 5-स्टार ग्रीन–रेटेड स्टील: 1.6 tCO2e/tfs से कम उत्सर्जन तीव्रता वाला स्टील।
- 4-स्टार ग्रीन–रेटेड स्टील: 1.6 और 2.0 tCO2e/tfs के बीच की सीमा में उत्सर्जन तीव्रता वाला स्टील।
- 3-स्टार ग्रीन–रेटेड स्टील: 2.0 और 2.2 tCO2e/tfs के बीच की सीमा में उत्सर्जन तीव्रता वाला स्टील।
- 2.2 tCO2e/tfs की सीमा से अधिक उत्सर्जन तीव्रता वाला स्टील ग्रीन रेटिंग के लिए अयोग्य होगा।
iii.ग्रीन स्टील की स्टार रेटिंग को परिभाषित करने की ऊपरी सीमा की हर 3 साल बाद समीक्षा की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह तकनीकी प्रगति और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप बना रहे।
iv.उत्सर्जन के दायरे में प्रत्यक्ष संचालन (स्कोप 1), अप्रत्यक्ष ऊर्जा उपयोग (स्कोप 2), और सीमित अन्य स्रोतों जैसे कच्चे माल के प्रसंस्करण (स्कोप 3) से लेकर तैयार स्टील उत्पादन तक के उत्सर्जन शामिल होंगे।
- लेकिन, इसमें अपस्ट्रीम खनन, डाउनस्ट्रीम उत्सर्जन और परिवहन शामिल नहीं हैं।
v.गोबिंदगढ़ (पंजाब) स्थित राष्ट्रीय माध्यमिक इस्पात प्रौद्योगिकी संस्थान (NISST) ग्रीन स्टील के मापन, रिपोर्टिंग और सत्यापन (MRV) के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। इसे स्टील के लिए ग्रीननेस प्रमाणपत्र और स्टार रेटिंग जारी करने के लिए भी अधिकृत किया गया है।
vi.प्रमाणपत्र वार्षिक आधार पर (वित्तीय वर्ष, FY) जारी किया जाएगा। स्टील प्लांट्स के पास MRV के लिए बार-बार अनुरोध करने का विकल्प होगा, फिर ऐसे मामलों में आवश्यकता के अनुसार वर्ष में एक से अधिक बार प्रमाण पत्र जारी किए जा सकते हैं।
हाल ही के संबंधित समाचार:
10 सितंबर 2024 को, मिनिस्ट्री ऑफ स्टील (MoS) ने नई दिल्ली, दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के C.D. देशमुख हॉल में आयोजित “ग्रीनिंग स्टील: पाथवे टू सस्टेनेबिलिटी” नामक कार्यक्रम की सफलतापूर्वक मेजबानी की।
- कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने “ग्रीनिंग द स्टील सेक्टर इन इंडिया: रोडमैप एंड एक्शन प्लान” पर रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट MoS द्वारा गठित 14 टास्क फोर्स की सिफारिशों के आधार पर तैयार की गई थी।
- रिपोर्ट में भारत में इस्पात क्षेत्र के डीकार्बोनाइजेशन के लिए एक व्यापक रणनीति को शामिल किया गया है।
मिनिस्ट्री ऑफ स्टील (MoS) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री– H.D. कुमारस्वामी (निर्वाचन क्षेत्र- मांड्या, कर्नाटक)
राज्य मंत्री (MoS)– भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा (निर्वाचन क्षेत्र- नरसापुरम, आंध्र प्रदेश, AP)