किसान दिवस, जिसे नेशनल फार्मर्स डे के रूप में भी जाना जाता है, भारत के विकास और विकास में किसानों की प्रमुख भूमिका को पहचानने और सम्मानित करने के लिए 23 दिसंबर को पूरे भारत में मनाया जाता है।
यह दिन किसानों के नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती का भी प्रतीक है, जो भारत के 5 वें प्रधान मंत्री (PM) (1979-1980) बने।
- राष्ट्रीय किसान दिवस 2022 चौधरी चरण सिंह की 120वीं जयंती है।
पृष्ठभूमि:
i.2001 में, भारत सरकार (GoI) ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए चौधरी चरण सिंह के योगदान को सम्मानित करने के लिए 23 दिसंबर को किसान दिवस या राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में घोषित किया।
ii.पहला किसान दिवस दिसंबर 2001 को मनाया गया था।
चौधरी चरण सिंह के बारे में:
i.चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को नूरपुर, मेरठ, उत्तर प्रदेश (UP) में हुआ था और उनका निधन 29 मई 1987 को नई दिल्ली, दिल्ली में हुआ था। उन्होंने शीघ्र ही प्रधान मंत्री (PM) (1979- 1980) के रूप में कार्य किया।
- उन्हें लोकप्रिय रूप से ‘चैंपियन ऑफ़ इंडिया’स पसन्ट्स’ के रूप में जाना जाता था। चौधरी चरण सिंह, जो चौधरी साहब के नाम से लोकप्रिय हैं, भारतीय अर्थशास्त्र के विद्वान थे।
ii.वे 1946 में पंडित गोविंद बल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव बने और विभिन्न विभागों जैसे राजस्व, चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य, न्याय, सूचना आदि में काम किया।
iii. वह शुरू में 1937 में छपरौली से संयुक्त प्रांत (अब उत्तर प्रदेश) विधान सभा के लिए चुने गए थे, और उन्होंने 1946, 1952, 1962 और 1967 में जिले में एक प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया।
iv.उन्होंने 1967-68 और 1970 में UP के मुख्यमंत्री (CM) के रूप में कार्य किया। बाद में उन्होंने 1979-1980 तक भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया।
चौधरी चरण सिंह का कृषि में योगदान:
i.चौधरी चरण सिंह ने 1938 में विधानसभा में कृषि उपज विपणन विधेयक पेश किया, और 1964 में इसे मंजूरी दी गई, जिससे किसानों की बाजारों तक पहुंच में सुधार हुआ।
ii.चौधरी चरण सिंह ने 1966-1967 के सूखाग्रस्त वर्षों के दौरान प्रतिकूल कीमतों पर सीधे किसानों से खाद्यान्न खरीदने की सरकारी योजना में संशोधन किया।
iii. उन्होंने अपने एक कारावास में भारतीय शिष्टाचार पर एक अनूठी पुस्तक लिखी, जो “शिष्टाचार” शीर्षक से प्रकाशित हुई।
- उनकी अन्य पुस्तकें “इंडियाज़ इकोनॉमिक पॉलिसी – द गांधीयन ब्लू-प्रिंट” और “इकोनॉमिक नाइटमेयर ऑफ़ इंडिया – इट्स कॉज़ एंड क्योर” भारतीय अर्थशास्त्र विषय पर उत्कृष्ट कृतियाँ हैं।
चौधरी चरण सिंह की कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियां:
- डेब्ट रिडेम्पशन बिल, 1939,
- द कंसोलिडेशन ऑफ़ होल्डिंग्स एक्ट ऑफ़ 1953,
- द उत्तर प्रदेश ज़मींदारी एंड लैंड रिफॉर्म्स एक्ट ऑफ़ 1952
इन कृत्यों के परिणामस्वरूप पूरे UP में जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हो गया है।