कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस प्रतिवर्ष 28 अप्रैल को दुनिया भर में सुरक्षित कार्यस्थलों को बढ़ावा देने, कार्य-संबंधी दुर्घटनाओं और बीमारियों को कम करने और वैश्विक स्तर पर व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य (OSH) मानकों की वकालत करने के लिए मनाया जाता है।
- इस दिवस का वार्षिक पालन अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा किया जाता है, जो संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक विशेष एजेंसी है, जो सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानव और श्रम अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है।
2025 फोकस:
कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस 2025 का फोकस “रेवोलुशनीसिंग हेल्थ एंड सेफ्टी: द रोल ऑफ AI एंड डिजिटाइजेशन एट वर्क“ है।
- इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर कार्यस्थलों पर OSH को बढ़ाने पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल तकनीकों के परिवर्तनकारी प्रभाव को प्रदर्शित करना है।
पृष्ठभूमि:
i.ILO ने 2003 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन (ILC) के दौरान कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस की स्थापना की, जो व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य पर वैश्विक रणनीति को अपनाने के साथ मेल खाता है, जिसने कार्यस्थल सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों को बढ़ावा देने की वकालत पर जोर दिया।
ii.पहला कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस आधिकारिक तौर पर 28 अप्रैल 2003 को मनाया गया था।
नोट: 28 अप्रैल को मृत और घायल श्रमिकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्मरण दिवस के रूप में भी चिह्नित किया जाता है, जो कार्यस्थल पर अपनी जान गंवाने वाले या घायल होने वाले श्रमिकों को सम्मानित करता है। अंतर्राष्ट्रीय मुक्त व्यापार संघों के परिसंघ (ICFTU) के प्रयासों से इसे 1996 से वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
कार्यस्थल पर मौलिक सिद्धांतों और अधिकारों पर ILO घोषणा:
i.कार्यस्थल पर मौलिक सिद्धांतों और अधिकारों पर ILO घोषणा, जिसे शुरू में 1998 में अपनाया गया था और बाद में 2022 में संशोधित किया गया।
ii.यह घोषणा बुनियादी मानवीय मूल्यों, सामाजिक न्याय और आर्थिक प्रगति के लिए आवश्यक मूल्यों को बनाए रखने के लिए सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिक संगठनों की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है।
महत्व:
i.वैश्विक स्तर पर हर साल लगभग 2.78 मिलियन कर्मचारी काम से संबंधित दुर्घटनाओं या बीमारियों के कारण मर जाते हैं, जबकि हर साल 317 मिलियन गैर-घातक चोटें रिपोर्ट की जाती हैं।
- इन घटनाओं से वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 4% (लगभग 3.61 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) आर्थिक नुकसान होता है।
ii.यह दिन व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य (2024-2030) पर ILO की वैश्विक रणनीति को मजबूत करता है, जो निवारक सुरक्षा संस्कृति बनाने के लिए त्रिपक्षीयता (सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिकों के बीच सहयोग) को एकीकृत करता है।
व्यावसायिक दुर्घटनाओं और बीमारियों की रोकथाम:
i.वैश्विक रणनीति: ILO जोखिमों को कम करने के लिए राष्ट्रीय नीतियों, मजबूत निरीक्षण प्रणालियों और श्रमिक शिक्षा की वकालत करता है।
ii.उभरते जोखिम:
- तकनीकी परिवर्तन: नैनो प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी और स्वचालित प्रणाली
- कार्य व्यवस्था: गिग इकॉनमी जॉब्स, टेलीवर्क और अस्थायी अनुबंध
- मनोवैज्ञानिक कारक: अत्यधिक कार्यभार या एल्गोरिदमिक निगरानी से तनाव
भारत में कार्यस्थल सुरक्षा और स्वास्थ्य:
भारत में, श्रम को भारतीय संविधान की समवर्ती सूची में रखा गया है, जिससे केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को कार्यस्थल सुरक्षा पर कानून बनाने की अनुमति मिलती है। प्रमुख संस्थानों में शामिल हैं:
i.फ़ैक्टरी सलाह सेवा और श्रम संस्थान महानिदेशालय (DGFASLI): श्रम और रोज़गार मंत्रालय (MoL&E) के तहत, यह फ़ैक्टरी सुरक्षा की देखरेख करता है।
ii.व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता (OSH संहिता), 2020: 13 श्रम कानूनों को समेकित करता है, जिनमें शामिल हैं:
- फ़ैक्टरी अधिनियम, 1948
- खान अधिनियम, 1952
- भवन और निर्माण श्रमिक अधिनियम, 1996
iii.खान सुरक्षा महानिदेशालय (DGMS): खनन सुरक्षा प्रोटोकॉल को विनियमित करता है।
iv.कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC): श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रदान करता है।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के बारे में:
महानिदेशक (DG) – गिल्बर्ट फॉसौन हौंगबो
मुख्यालय – जिनेवा, स्विटजरलैंड
स्थापना – 1919