संयुक्त राष्ट्र (UN) हर साल 15 मार्च को इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाता है ताकि मुसलमानों के खिलाफ़ घृणा अपराधों, भेदभाव और असहिष्णुता के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके और उनका मुकाबला किया जा सके।
- 15 मार्च, 2025 को तीसरा इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाएगा।
पृष्ठभूमि:
i.2020 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 75वें सत्र के दौरान, पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री (PM) इमरान खान ने पहली बार इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस की आवश्यकता का सुझाव दिया था।
ii.15 मार्च, 2022 को, UNGA ने संकल्प A/RES/76/254 को अपनाया, जिसमें हर साल 15 मार्च को इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया।
iii.इस प्रस्ताव को पाकिस्तान के UN दूत मुनीर अकरम ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की ओर से एजेंडा आइटम “शांति की संस्कृति” के तहत पेश किया था।
iv.इस दिवस का उद्घाटन 15 मार्च, 2023 को हुआ।
15 मार्च क्यों?
यह तिथि 15 मार्च, 2019 को न्यूजीलैंड में क्राइस्टचर्च मस्जिद गोलीबारी की वर्षगांठ के साथ मेल खाती है।
- न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में अल नूर मस्जिद और लिनवुड इस्लामिक सेंटर/लिनवुड मस्जिद मस्जिद पर एक बंदूकधारी ने शुक्रवार की नमाज के दौरान हमला किया, जिसमें 51 लोग मारे गए और 40 अन्य घायल हो गए।
इस्लामोफोबिया क्या है?
i.इस्लामोफोबिया का मतलब इस्लाम या मुसलमानों के प्रति भय, पूर्वाग्रह, भेदभाव या घृणा है।
ii.इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से मुसलमानों और गैर-मुसलमानों को उकसाना, दुश्मनी, दुर्व्यवहार, उकसाना और डराना शामिल है।
iii.संस्थागत, वैचारिक, राजनीतिक और धार्मिक दुश्मनी से प्रेरित होकर, यह मुस्लिम होने के प्रतीकों और चिह्नों को निशाना बनाता है।
मुख्य तथ्य:
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस (CAIR) के अनुसार, 2024 में मुस्लिम विरोधी और अरब विरोधी घटनाओं से संबंधित सबसे अधिक शिकायतें दर्ज की गईं, जिनकी कुल संख्या 8,658 थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.4% की वृद्धि को दर्शाता है।
- गाजा पर इजरायल के युद्ध के बाद घटनाओं में यह उछाल आया।
इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के बारे में:
i.OIC (पूर्व में इस्लामिक सम्मेलन का संगठन) संयुक्त राष्ट्र (UN) के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है, जिसमें चार महाद्वीपों में फैले 57 सदस्य देश हैं।
ii.OIC मुस्लिम दुनिया की सामूहिक आवाज़ के रूप में कार्य करता है, जो आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक मामलों में उनके हितों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के लिए काम करता है।
महासचिव (SG) – हिसेन ब्राहिम ताहा
मुख्यालय – जेद्दा, सऊदी अरब का साम्राज्य (KSA)
स्थापना – 1969