संयुक्त राष्ट्र (UN) इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 15 मार्च को दुनिया भर में जागरूकता बढ़ाने और घृणा अपराधों और मुसलमानों के खिलाफ असहिष्णुता के अन्य रूपों से निपटने के लिए मनाया जाता है।
- इस्लामोफोबिया मुसलमानों का डर, पूर्वाग्रह और नफरत है जो मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की ओर ले जाता है।
15 मार्च 2024 को इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए दूसरा अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।
पृष्ठभूमि:
i.15 मार्च 2022 को, UN महासभा (UNGA) ने एक प्रस्ताव A/RES/76/254 को अपनाया और हर साल 15 मार्च को इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया।
ii.पाकिस्तान के UN दूत मुनीर अकरम ने एजेंडा आइटम “कल्चर ऑफ पीस” के तहत इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की ओर से प्रस्ताव पेश किया।
iii.पहला इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 15 मार्च 2023 को मनाया गया।
नोट: दस्तावेज़ इस बात पर जोर देता है कि आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से जुड़ा नहीं होना चाहिए।
15 मार्च क्यों?
यह दिवस क्राइस्टचर्च मस्जिद की गोलीबारी की बरसी के साथ मेल खाती है जहां 2019 में शुक्रवार की प्रार्थना के दौरान 51 लोगों की जान चली गई थी।
- 15 मार्च 2019 को, एक बंदूकधारी न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में 2 मस्जिदों अल नूर मस्जिद और लिनवुड इस्लामिक सेंटर/लिनवुड मस्जिद मॉस्क में घुस गया, जिसमें 51 लोगों की मौत हो गई और 40 अन्य घायल हो गए।
इस्लामोफोबिया क्या है?
i.इस्लामोफोबिया का तात्पर्य इस्लाम या मुसलमानों के प्रति भय, पूर्वाग्रह, भेदभाव या घृणा से है।
ii.यह ऑनलाइन और ऑफलाइन, मुसलमानों और गैर-मुसलमानों को धमकी, उत्पीड़न, दुर्व्यवहार, उत्तेजना और धमकी के माध्यम से उकसावे, शत्रुता और असहिष्णुता में प्रकट होता है।
iii.संस्थागत, वैचारिक, राजनीतिक और धार्मिक शत्रुता से प्रेरित, यह मुस्लिम होने के प्रतीकों और मार्करों को लक्षित करता है।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन:
i.इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने के महत्व को पहचानने के लिए, अज़रबैजान, बाकू ने 8 और 9 मार्च 2024 को “एम्ब्रॉसिंग डाइवर्सिटी : टैकलिंग इस्लामोफोबिया इन 2024” विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन की मेजबानी की।
ii.दो दिवसीय सम्मेलन में विशेष रूप से पश्चिमी देशों में इस्लामोफोबिया की प्रवृत्तियों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
iii.सम्मेलन का सह-आयोजन बाकू अंतर्राष्ट्रीय बहुसंस्कृतिवाद केंद्र, अज़रबैजान के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विश्लेषण केंद्र (AIR); ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) इंटरफेथ डायलॉग फोरम; और बाकू इनिशिएटिव ग्रुप द्वारा किया गया था।
महत्वपूर्ण तथ्यों:
i.2023 में, दुनिया ने इस्लामोफोबिक घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि देखी, विशेष रूप से इज़राइल-हमास संघर्ष से बदतर हो गई।
- इन घटनाओं में कुरान जलाना, मस्जिदों पर हमले आदि शामिल थे।
ii.संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) और यूनाइटेड किंगडम (UK) में 2022 की तुलना में इस्लामोफोबिक घटनाओं में क्रमशः 172% और 140% की आश्चर्यजनक वृद्धि देखी गई।