मध्य प्रदेश के स्थापित जाने-माने हिंदी लेखक प्रोफ़ेसर शरद पगारे को “पाटलिपुत्रु के सामरागी” नामक ऐतिहासिक उपन्यास के लिए प्रतिष्ठित व्यास सम्मान 2020 के प्राप्तकर्ता के रूप में चुना गया है।
2020 व्यास सम्मान KK बिड़ला फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत 30 वां व्यास सम्मान है।
उपन्यास – “पाटलिपुत्रु के सामरागी” वर्ष 2010 में छपा था।
व्यास सम्मान के बारे में:
i.व्यास सम्मान 1991 में KK बिड़ला फाउंडेशन द्वारा शुरू किया गया एक वार्षिक पुरस्कार है।
ii.यह पुरस्कार पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रकाशित एक भारतीय नागरिक द्वारा लिखित हिंदी में उत्कृष्ट कार्य का सम्मान करता है।
iii.पुरस्कार में प्रशस्ति पत्र और पट्टिका के साथ 4 लाख रुपये नकद पुरस्कार शामिल हैं।
नोट:
रामविलास शर्मा को उनके काम के लिए 1991 में ‘प्राचीन भाषा परिवार और हिंदी’ के लिए उद्घाटन व्यास सम्मान मिला।
प्रो शरद पगारे के बारे में:
i.डॉ शरद पगारे एक प्रतिष्ठित विद्वान, शोधकर्ता और ऐतिहासिक अतीत के प्रोफेसर हैं।
ii.उन्हें मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी, भारत भूषण सम्मान जैसे कई साहित्यिक सम्मान मिले हैं।
iii.उनके 5 उपन्यास, कहानियों के 6 संग्रह, 2 प्रदर्शन और उनके क्रेडिट के लिए शोध प्रबंध हैं।
iv.उनकी रचनाओं का विभिन्न भाषाओं जैसे अंग्रेजी, उड़िया, मराठी, मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु में अनुवाद किया गया।