विश्व हीमोफीलिया दिवस को दुनिया भर में 17 अप्रैल को मनाया जाता है, ताकि हेमोफिलिया और अन्य रक्तस्राव विकारों के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके। यह दिवस हीमोफीलिया से ग्रसित लोगों की देखभाल के लिए बेहतर निदान और पहुंच प्रदान करने का प्रयास है।
- 17 अप्रैल को वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के संस्थापक फ्रैंक श्नाबेल की जयंती है।
विश्व हीमोफिलिया दिवस 2021 का विषय “अडैप्टिंग टू चेंज: सस्टेनिंग केयर इन ए न्यू वर्ल्ड” है।
पृष्ठभूमि:
i.1989 में, वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफिलिया (WHF) ने वर्ल्ड हीमोफिलिया डे की शुरुआत की।
ii.1989 से, विश्व हीमोफीलिया दिवस को संपूर्ण रक्तस्राव विकार समुदाय द्वारा उपचार में प्रगति का जश्न मनाने के लिए विश्व स्तर पर मनाया जाता है।
आयोजन:
विश्व हीमोफीलिया दिवस पर, दुनिया भर में वैश्विक स्थलों को लाल रंग की रौशनी की जाती है ताकि उन लोगों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके जो विरासत में मिले रक्तस्राव विकारों से प्रभावित हैं।
हीमोफीलिया:
i.हीमोफीलिया एक वह दुर्लभ अनुवांशिक स्थिति है जहां रक्त में पर्याप्त रक्त के थक्के प्रोटीन की कमी के कारण थक्के नहीं बनते हैं।
ii.हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों का सामान्य व्यक्ति की तुलना में अधिक समय तक खून बहता है।
iii.हीमोफीलिया दो प्रकार के होते हैं:
हीमोफीलिया A – क्लॉटिंग फैक्टर VIII के निम्न स्तर वाले रोगी (5000 शिशु में 1 को होता है)।
हीमोफिलिया B – क्लॉटिंग फैक्टर IX के निम्न स्तर वाले रोगी (20000 जन्मों में 1 में होता है)
हीमोफिलिया का इतिहास:
i.हीमोफिलिया पहली बार 10वीं शताब्दी के दौरान खोजा गया था और आमतौर पर पुरुषों में पाया जाता था।
ii.10वीं शताब्दी में इस विकार को अबुलकासीस के नाम से जाना जाता था।
वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया (WHF) के बारे में:
CEO- एलेन बॉमन
मुख्यालय- मॉन्ट्रियल, क्यूबेक, कनाडा
स्थापना- 1963