विश्व शेर दिवस प्रतिवर्ष 10 अगस्त को दुनिया भर में शेर (पैंथेरा लियो) के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके संरक्षण के मुद्दों को उजागर करने तथा शेरों की रक्षा के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
- उद्देश्य: शेरों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में लोगों को शिक्षित करना तथा दुनिया भर में पारिस्थितिकी तंत्र और सांस्कृतिक विरासत में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का जश्न मनाना।
पृष्ठभूमि:
i.विश्व शेर दिवस की शुरुआत बिग कैट रेस्क्यू (BCR) द्वारा की गई थी, जो संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के फ्लोरिडा में एक वन्यजीव अभ्यारण्य है, जो शेरों को समर्पित है तथा डेरेक और बेवर्ली जौबर्ट द्वारा सह-स्थापित किया गया था।
- पहला विश्व शेर दिवस 2013 में मनाया गया था।
ii.2009 में, उन्होंने ‘नेशनल जियोग्राफ़िक’ से संपर्क किया तथा बिग कैट इनिशिएटिव (BCI) बनाने के लिए साझेदारी की।
शेर के बारे में:
i.शेर को ‘जंगल का राजा’ भी कहा जाता है। यह एशियाई बाघ के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कैट है।
ii.यह शक्ति और साहस का प्रतीक है और प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
iii.यह एक सामाजिक जानवर है और प्राइड नामक समूहों में रहता है।
iv.पांच सबसे बड़ी शेर आबादी में से तीन तंजानिया में पाई जा सकती हैं।
शेर प्रजातियों के प्रकार:
दो औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त शेर उप-प्रजातियाँ हैं:
1.अफ्रीकी शेर (पैंथेरा लियो लियो) उप-सहारा अफ्रीकी क्षेत्र में पाया जाता है।
2.एशियाई शेर (भारतीय शेर) (पैंथेरा लियो पर्सिका) केवल गुजरात (भारत) में गिर वन राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाता है।
नोट: अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने पैंथेरा लियो को ‘असुरक्षित‘ और पैंथेरा लियो पर्सिका को ‘लुप्तप्राय‘ के रूप में वर्गीकृत किया है।
शेर जनसंख्या:
i.IUCN का अनुमान है कि जंगल में 23,000 से 39,000 शेर बचे हैं। हालांकि, अन्य संरक्षण समूहों ने अनुमान लगाया है कि यह संख्या केवल 20,000 के करीब है।
ii.वर्ष 2015 में, गिर वन (भारत) में अनुमानित 523 शेर थे, लेकिन 2020 में यह संख्या बढ़कर 674 हो गई।
शेरों के समक्ष खतरे:
मानव-वन्यजीव संघर्ष और प्राकृतिक शिकार में कमी, आवास का नुकसान, जलवायु परिवर्तन और वन्यजीव व्यापार शेरों के समक्ष खतरे हैं।
भारत की संरक्षण पहल:
i.परियोजना शेर: यह 15 अगस्त, 2020 को शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य व्यापक, दीर्घकालिक संरक्षण प्रयासों के माध्यम से एशियाई शेरों के भविष्य को सुरक्षित करना है।
ii.एशियाई शेर संरक्षण परियोजना: यह केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) की एक पहल है, जिसे वित्तीय वर्ष 2018-2021 के लिए अनुमोदित किया गया था, जो गिर परिदृश्य में गंभीर रूप से लुप्तप्राय एशियाई शेरों पर केंद्रित है।
iii.ये भारत द्वारा अपनी शेर आबादी की रक्षा के लिए ‘लायन @ 47: विज़न फॉर अमृतकल’ को प्राप्त करने के लिए की गई दो प्रमुख पहल हैं।
वैश्विक पहल:
अप्रैल 2023 में इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस (IBCA) लॉन्च किया गया, जिसका उद्देश्य शेरों सहित बड़ी बिल्लियों के संरक्षण में वैश्विक प्रयासों को मजबूत करने के लिए 97 देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
शेर संरक्षण में उन्नत प्रौद्योगिकियाँ:
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT): यह ग्रेटर गिर क्षेत्र के संरक्षण, सुरक्षा और विकास पहलों में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
- उन्नत ICT के उपयोग में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS)-बेस्ड ट्रैकिंग, ऑटोमेटेड सेंसर ग्रिड, नाइट विजन कैपेबिलिटीज और जियोग्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम (GIS)-बेस्ड रीयल-टाइम मॉनिटरिंग शामिल हैं।