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विश्व राइनो दिवस 2024 – 22 सितंबर

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World Rhino Day - September 22 2024

विश्व राइनो दिवस प्रतिवर्ष 22 सितंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है, ताकि स्तनधारियों के सबसे पुराने समूहों में से एक राइनोसेरोस या राइनो (राइनोसेरोटिडे) के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके और उनके संरक्षण की तत्काल आवश्यकता के बारे में बताया जा सके।

  • यह दिन राइनो की सभी 5 प्रजातियों, अर्थात् अफ्रीका में ब्लैक राइनो और वाइट राइनो, और एशिया में ग्रेटर वन-हॉर्न्ड, सुमात्रा और जावन राइनो के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता ।

महत्व:

i.विश्व राइनो दिवस राइनो के सामने आने वाले गंभीर खतरों को उजागर करने के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है, जिसमें अवैध शिकार और आवास का नुकसान शामिल है।

ii.यह इन राजसी जानवरों की रक्षा के लिए समर्पित व्यक्तियों और संगठनों के प्रयासों को मान्यता देता है।

iii.यह दिवस पारिस्थितिकी संतुलन, सांस्कृतिक विरासत और भावी पीढ़ियों के लिए राइनो की आबादी को संरक्षित करने के महत्व पर भी जोर देता है।

पृष्ठभूमि:

i.विश्व राइनो दिवस की शुरुआत सबसे पहले 2010 में वर्ल्डवाइड फंड फॉर नेचर (WWF)दक्षिण अफ्रीका द्वारा की गई थी।

ii.2011 में, यह आयोजन विश्व स्तर पर फैल गया, जिसमें 22 सितंबर को प्रतिवर्ष अफ्रीकन और एशियन दोनों राइनो की प्रजातियों का जश्न मनाया जाता है।

iii.इस आयोजन की शुरुआत दो समर्पित महिला संरक्षणवादियों के प्रयासों से हुई थी, जिनमें जिम्बाब्वे के चिशाकवे रेंच की लिसा जेन कैंपबेल और यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका (USA) में सेविंग राइनोज की रिश्जा कोटालार्सन शामिल हैं।

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की रेड लिस्ट:

i.इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की रेड लिस्ट के अनुसार संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची:

  • ब्लैक राइनो (डाइसरोस बाइकोर्निस), जावन राइनो (राइनोसेरोस सोंडाइकस) और सुमात्रा राइनो (डाइसरोरिनस सुमाट्रेन्सिस) को “गंभीर रूप से संकटग्रस्त” के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • वाइट राइनो (सेराटोथेरियम सिमम) प्रजाति को “संकटग्रस्त” के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • ग्रेटर वन-हॉर्न्ड राइनो (राइनोसेरोस यूनिकॉर्निस) प्रजाति को “असुरक्षित” के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

ध्यान देने योग्य बिंदु:

i.सुमात्रा राइनो सबसे छोटी राइनो प्रजाति है और 2 सींग वाला एकमात्र एशियन राइनो है;

ii.जावन राइनो संभवतः दुनिया में सबसे दुर्लभ बड़ी स्तनपायी प्रजाति है और इसे छोटे ग्रेटर वन-हॉर्न्ड राइनो के रूप में भी जाना जाता है;

iii.भारतीय या ग्रेटर वन-हॉर्न्ड एशियन राइनो 3 एशियन प्रजातियों में सबसे बड़ा है और जावन राइनो के साथ अपनी एक सींग वाली विशेषता साझा करता है।

iv.अफ्रीकन वाइट राइनो हाथी के बाद दूसरा सबसे बड़ा भूमि स्तनपायी है और इसे स्क्वायर-लिप्ड राइनो भी कहा जाता है।

v.ब्लैक राइनो 2 अफ्रीकन राइनो प्रजातियों में से छोटे हैं और उन्हें हुक-लिप्ड राइनो भी कहा जाता है

राइनो की आबादी:

इंटरनेशनल राइनो फाउंडेशन (IRF) द्वारा प्रकाशित 2024 स्टेट ऑफ द राइनो रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में, सभी 5 प्रजातियों में दुनिया भर में 28,000 से कम राइनो बचे हैं।

i.अफ्रीका (रेंज राज्यों) ने 2023 के अंत में अनुमानित 23,885 राइनो (ब्लैक और वाइट राइनो की प्रजातियों को मिलाकर) की रिपोर्ट की, जो 2022 से 2.4% की वृद्धि है।

ii.वाइट राइनो की संख्या 2022 से 3.7% बढ़कर 2023 के अंत में 17,464 हो गई।

iii.अवैध शिकार एक बड़ा खतरा बना रहा, 2023 में 586 राइनो (ज्यादातर वाइट राइनो) मारे गए, मुख्य रूप से दक्षिण अफ्रीका में, जो सबसे बड़ा राइनो आबादी वाला महाद्वीप है।

  • लगभग 6,421 ब्लैक राइनो की आबादी में 1% की गिरावट आई, जिसमें नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका को सबसे अधिक अवैध शिकार का सामना करना पड़ा।

iv.एशिया में, 2023 के अंत तक लगभग 4,018 की आबादी के साथ ग्रेटर वन-हॉर्न्ड राइनो की प्रजाति की आबादी स्थिर रही।

v.जावन राइनो में अवैध शिकार के कारण 33% की तीव्र गिरावट देखी गई, अब केवल 76 जानवर बचे हैं। सुमात्रा राइनो की संख्या गंभीर रूप से कम है, अब 34-47 जानवर बचे हैं।

नोट: IRF की स्थापना 1991 में इंटरनेशनल ब्लैक राइनो फाउंडेशन के रूप में की गई थी और यह 1993 में इंटरनेशनल राइनो फाउंडेशन (IRF) बन गया।

भारत में राइनो :

i.भारत में, राइनो मुख्य रूप से असम, पश्चिम बंगाल (WB) और उत्तर प्रदेश (UP) के संरक्षित क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

ii.भारत के मूल निवासी ग्रेटर वनहॉर्न्ड राइनो, संरक्षण की एक सफल कहानी है, जिसकी 70% आबादी असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (KNP) में है।

  • KNP को 1985 में प्राकृतिक श्रेणी के तहत संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) विश्व धरोहर स्थल नामित किया गया था।

iii.संरक्षण का काजीरंगा मॉडल जैव विविधता संरक्षण, अवैध शिकार विरोधी, वनरोपण और वैज्ञानिक आवास प्रबंधन को एकीकृत करता है, जिससे राइनो का दीर्घकालिक अस्तित्व सुनिश्चित होता है।

iv.1980 के दशक से असम की राइनो की आबादी में लगभग 170% की वृद्धि हुई है, जो 2024 में 1,500 से बढ़कर 4,014 से अधिक हो गई है।

राइनो के अवैध शिकार में उल्लेखनीय गिरावट:

i.2016 से, असम के KNP और अन्य संरक्षित आवासों में ग्रेटर वन-हॉर्न्ड राइनो के अवैध शिकार में 86% की गिरावट दर्ज की गई है।

ii.सख्त सुरक्षा उपायों, स्मार्ट गश्त तकनीकों और सामुदायिक सहभागिता पहलों जैसे प्रमुख संरक्षण उपायों ने इसकी सफलता में योगदान दिया है।

iii.KNP में 233 शिकार विरोधी शिविर हैं, जिनमें प्रत्येक 5.82 sq. km. पर एक शिकार विरोधी और निगरानी शिविर है और काजीरंगा मॉडल ने राइनो के संरक्षण के लिए एक वैश्विक प्रारूप निर्धारित किया है।

2024 के कार्यक्रम:

22 सितंबर 2024 को विश्व राइनो दिवस के अवसर पर, IUCN ने एशियन राइनो के संरक्षण की सफलता और चुनौतियों के बारे में एक वेबिनार का आयोजन किया।