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मिशन अमृत सरोवर: समुदाय-नेतृत्व वाले संरक्षण के माध्यम से भारत की जल विरासत को पुनर्जीवित करना

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत एक प्रमुख पहल, मिशन अमृत सरोवर की घोषणा 24 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पल्ली ग्राम पंचायत, सांबा जिला, जम्मू, जम्मू और कश्मीर (J&K) में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के उपलक्ष्य में की गई थी।

  • इस मिशन का उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर (तालाबों) का निर्माण/पुनरुद्धार करना है।
  • प्रत्येक अमृत सरोवर को कम से कम 1 एकड़ (0.4 हेक्टेयर) के तालाब क्षेत्र के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें लगभग 10,000 क्यूबिक मीटर (m3) की जल धारण क्षमता है।

मिशन अमृत सरोवर के बारे में: 

मिशन अमृत सरोवर एक संपूर्ण सरकार दृष्टिकोण का पालन करता है, जिसमें प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कई मंत्रालय और संगठन शामिल हैं।

i.इस पहल में निम्नलिखित सात मंत्रालय शामिल हैं:

  • ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD), जल शक्ति मंत्रालय (MoJS), पंचायती राज मंत्रालय (MoPR), पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC), रेल मंत्रालय (MoR), संस्कृति मंत्रालय (MoC) और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH)।

ii.इस मिशन को भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) का भी समर्थन प्राप्त है।

iii.राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म amritsarovar.gov.in प्रदान किया है जो बारीक स्तर पर वास्तविक समय की प्रगति को ट्रैक करता है।

iv.मार्च 2025 तक, 68,000 से अधिक सरोवर पूरे हो चुके हैं, जिनमें से 46,000 सरोवरों का निर्माण/कायाकल्प MGNREGA के तहत किया गया था।

कार्यान्वयन:

मिशन अमृत सरोवर को राज्यों और जिलों द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS), 15वें वित्त आयोग (FC) अनुदान और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) की उप-योजनाओं जैसे विभिन्न चल रही योजनाओं के एकीकरण के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसमें वाटरशेड विकास घटक और हर खेत को पानी शामिल है, साथ ही राज्यों की अपनी पहल भी शामिल है।

प्रगति की निगरानी:

i.प्रत्येक अमृत सरोवर में एक पंचायत प्रतिनिधि और एक पंचायत स्तर का अधिकारी होगा।

ii.ग्राम पंचायत पंचायत प्रतिनिधि को नामित करेगी, जो नागरिक पर्यवेक्षक के रूप में कार्य करेगा और अमृत सरोवर के निष्पक्ष निष्पादन के लिए जिम्मेदार होगा।

iii.पंचायत स्तर का अधिकारी प्रगति की निगरानी करेगा और मिशन के ईमानदारी से कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा और उचित दस्तावेज, फोटो और वीडियो भी प्रस्तुत करेगा।

चरण I (अप्रैल 2022 – अगस्त 2023):

i.15 अगस्त 2023 तक 50,000 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य मई 2023 में ही हासिल कर लिया गया।

ii.प्रत्येक पूर्ण हो चुके अमृत सरोवर में एक सामान्य साइनेज बोर्ड है, जिसमें साइट के सभी विवरण और नीम, बरगढ़, पीपल और किसी भी अन्य देशी पेड़ों जैसे पेड़ों का अनिवार्य रोपण बताया गया है।

चरण II (सितंबर 2023 से जारी):

i.मिशन अमृत सरोवर का चरण II सामुदायिक भागीदारी (जन भागीदारी) के माध्यम से जल उपलब्धता, भविष्य की पीढ़ियों के लिए जलवायु लचीलापन और पारिस्थितिक संतुलन को मजबूत करने पर केंद्रित है।

ii.अब तक प्रत्येक अमृत सरोवर के लिए 65,285 उपयोगकर्ता समूह बनाए गए हैं। ये उपयोगकर्ता समूह विकास, निष्पादन और उपयोग की पूरी प्रक्रिया के दौरान पूरी तरह से शामिल हैं।

मार्च, 2025 तक शीर्ष 5 प्रदर्शन करने वाले राज्य:

रैंकराज्यपूरा किए गए अमृत सरोवरों की संख्या
1उत्तर प्रदेश, UP16,630
2मध्य प्रदेश, AP5,839
3कर्नाटक4,056
4राजस्थान3,138
5महाराष्ट्र3,055

पारिस्थितिक प्रभाव:

i.राज्य सरकारों के सहयोग से केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) द्वारा किए गए भूजल संसाधन मूल्यांकन से भूजल पुनर्भरण में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई देती है।

ii.टैंकों, तालाबों और जल संरक्षण संरचनाओं से पुनर्भरण 2017 में 13.98 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) से बढ़कर 2024 में 25.34 BCM हो गया, जो मिशन अमृत सरोवर जैसे जल संरक्षण की सफलता को दर्शाता है।