केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने देश भर में असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के लिए ई-श्रम पोर्टल को लॉन्च किया है। यह पोर्टल भारत में असंगठित कामगारों के लिए अपनी तरह की पहली पहल है।
- इस पोर्टल का लक्ष्य लगभग 38 करोड़ असंगठित श्रमिकों जैसे निर्माण श्रमिक, प्रवासी श्रमिक, स्ट्रीट वेंडर, घरेलू कामगार और अन्य को पंजीकृत करना है।
प्रमुख बिंदु:
i.इसका उद्देश्य देश में एक व्यापक असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस (NDUW) बनाना है।
ii.ई-श्रम पोर्टल पूरी तरह से मुफ्त है और श्रमिकों को अपने पंजीकरण के लिए सार्वजनिक सेवा केंद्रों (CSC-Common Service Centre) या कहीं भी भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
iii.पंजीकरण के बाद, श्रमिकों को एक ई-श्रम कार्ड जारी किया जाएगा जिसमें 12 अंकों का विशिष्ट नंबर होगा। श्रमिकों का पंजीकरण तभी होगा जब उनके पास आधार कार्ड होगा।
iv.यह कार्ड केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को वितरित करने में सहायक होगी।
v.बीमा कवरेज: यदि कोई कर्मचारी eSHRAM पोर्टल पर पंजीकृत है और दुर्घटना का शिकार होता है, तो वह मृत्यु या स्थायी विकलांगता पर 2 लाख रु और आंशिक विकलांगता पर 1 लाख रु के लिए पात्र होगा।
हाल के संबंधित समाचार:
जुलाई, 2021 में, सुप्रीम कोर्ट ने श्रम मंत्रालय को प्रवासी श्रमिकों और असंगठित मजदूरों के अधिकारों, कल्याण और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पंजीकरण और उनकी पहचान करने के लिए राष्ट्रीय असंगठित श्रमिक डेटाबेस (NDUW) पोर्टल के काम को पूरा करने का आदेश दिया था।
श्रम और रोजगार मंत्रालय के बारे में:
केंद्रीय मंत्री – भूपेंद्र यादव (राज्य सभा, राजस्थान)
राज्य मंत्री (MoS) – रामेश्वर तेली (डिब्रूगढ़, असम)