सितंबर 2021 में, भारतीय सेना ने भारत के अल्फा डिज़ाइन और इज़राइल की एल्बिट सिक्योरिटी सिस्टम्स के बीच संयुक्त उद्यम के साथ अपनी आपातकालीन खरीद शक्तियों के अंतर्गत 100 से अधिक ‘स्काईस्ट्राइकर्स’ की खरीद के लिए 100 करोड़ रुपये का अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है। इन सभी ‘स्काईस्ट्राइकर’ प्रकार के ड्रोन का निर्माण अल्फा डिजाइन की बैंगलोर निर्माण इकाई में किया जाएगा।
स्काईस्ट्राइकर्स क्या हैं?
स्काईस्ट्राइकर अपने भीतर 10 किलो तक का वारहेड ले जा सकता है; इसकी रेंज 100 किमी है; यह 10 मिनट में 20 किलोमीटर की दूरी तय कर लेता है।
i.स्काईस्ट्राइकर्स लागत प्रभावी, लंबी दूरी के ड्रोन हैं जो निगरानी गतिविधियों को पूरा करने में सक्षम हैं और लक्ष्य पर हमला करने की सटीकता के लिए जाने जाते हैं।
ii.उन्हें “आत्मघाती ड्रोन” के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसकी स्वायत्त प्रणाली को 5 किलोग्राम वारहेड के साथ लक्ष्य पर सीधे दुर्घटनाग्रस्त होने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
iii.स्काईस्ट्राइकर कम ऊंचाई वाले ड्रोन हैं जो लक्ष्य स्थान को ट्रैक करने के लिए GPS का उपयोग करते हैं।
नोट – अगस्त 2021 में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने भारत में ड्रोन के उपयोग में विभिन्न परिवर्तन करते हुए ड्रोन नियम, 2021 को अधिसूचित किया था।
IAF और अल्फा डिजाइन के बीच अनुबंध:
इससे पहले अगस्त 2021 में, अल्फा डिज़ाइन ने भारतीय वायु सेना (IAF) के साथ निम्नलिखित 2 रक्षा खरीद अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए थे।
- पुराने पड़ चुके P18 राडार को बदलने के लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 6 वेरी हाई फ़्रीक्वेंसी (VHF) वाले रडार का निर्माण।
- रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO – Defence Research Development Organization) के अंतर्गत सेंटर फॉर एयरबोर्न सिस्टम्स (CABS) द्वारा विकसित 60 आइडेंटिफिकेशन ऑफ फ्रेंड-ऑर-फो या IFF सिस्टम्स के निर्माण के लिए 80 करोड़ रुपये का अनुबंध।
हाल के संबंधित समाचार:
जुलाई 2021 में, IIT कानपुर द्वारा विकसित एक AI-आधारित शिकायत प्रबंधन ऐप ‘CPGRAMS (केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली) ऐप’ रक्षा मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था।
अल्फा डिजाइन के बारे में:
स्थापना – 2003
मुख्यालय – बैंगलोर, कर्नाटक
भारतीय सेना के बारे में:
स्थापना – 1 अप्रैल, 1895
आदर्श वाक्य – “सेवा अस्माकं धर्मः” ( सेवा हमारा धर्म है।)
थल सेनाध्यक्ष – मनोज मुकुंद नरवणे