संयुक्त राष्ट्र (UN) का दास व्यापार और उसके उन्मूलन की याद के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 23 अगस्त को दुनिया भर में औपनिवेशिक शासन के युग के दौरान ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार की त्रासदी को चिह्नित करने के लिए सभी लोगों की याद में मनाया जाता है।
- इस दिन का वार्षिक पालन संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) द्वारा किया जाता है।
महत्व:
i.यह दिवस दास व्यापार और संबंधित प्रथाओं के उन्मूलन के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और प्रत्येक व्यक्ति की समान और बिना शर्त गरिमा को मान्यता देता है।
ii.यह दिवस गुलामी के ऐतिहासिक कारणों, तरीकों और परिणामों पर सामूहिक मान्यता और चिंतन के अवसर के रूप में कार्य करता है।
पृष्ठभूमि:
i.1997 में, UNESCO महाधिवेशन के 29वें सत्र ने संकल्प 29 C/40 को अपनाया, जिसके तहत प्रत्येक वर्ष 23 अगस्त को ‘दास व्यापार और उसके उन्मूलन की याद के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के रूप में घोषित किया गया।
ii.29 जुलाई 1998 को UNESCO के महानिदेशक (DG) द्वारा परिपत्र CL/3494 जारी किया गया, जिसमें सभी सदस्य देशों के संस्कृति मंत्रियों को इस दिवस को बढ़ावा देने के लिए आमंत्रित किया गया।
iii.यह दिवस पहली बार 23 अगस्त 1998 को हैती में और 23 अगस्त 1999 को सेनेगल के गोरे द्वीप में मनाया गया।
23 अगस्त क्यों?
23 अगस्त वह दिन था, जब सेंट डोमिंगु (आज हैती और डोमिनिकन गणराज्य) द्वीप पर स्व-मुक्त गुलाम लोगों ने 1791 में फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन के खिलाफ विद्रोह किया था और ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
दास व्यापार:
i.दास व्यापार ट्रान्साटलांटिक व्यापार पैटर्न को संदर्भित करता है जो 17वीं शताब्दी के मध्य में स्थापित किए गए थे।
- ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार, या अटलांटिक दास व्यापार दर्ज इतिहास में लोगों का सबसे बड़ा लंबी दूरी का जबरन आवागमन था।
ii.यह एक समुद्री व्यापार था जिसमें 16वीं से 19वीं शताब्दी (1860 के दशक) तक यूरोपीय दास व्यापारियों द्वारा अफ्रीका से अमेरिका तक गुलाम अफ्रीकी पुरुषों, महिलाओं और बच्चों का परिवहन शामिल था।
iii.यह व्यापार पुर्तगालियों और स्पेनियों द्वारा खासकर अमेरिका में चीनी बागानों के बसने के बाद शुरू किया गया था।
iv.मध्य मार्ग अटलांटिक दास व्यापार के हिस्से के रूप में अटलांटिक महासागर के पार गुलाम अफ्रीकियों की अमेरिका तक जबरन यात्रा को संदर्भित करता है।
नोट: 25 मार्च 1807 को, ब्रिटिश सरकार ने दास व्यापार के उन्मूलन के लिए संसद का एक अधिनियम पारित किया, जिसमें ब्रिटिश साम्राज्य में गुलाम लोगों के व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
हैतीयन मूवमेंट:
i.हैतीयन मूवमेंट 1791 और 1804 के बीच संघर्षों की एक श्रृंखला थी जिसमें हैतीयन दास, उपनिवेशवादी और ब्रिटिश और फ्रांसीसी उपनिवेशवादियों की सेनाएँ शामिल थीं।
ii.मूवमेंट 22 से 23 अगस्त 1791 की रात को शुरू हुई, जब उत्तरी सेंट डोमिंगु में दासों ने फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन के खिलाफ विद्रोह का आयोजन किया।
iii.विद्रोही ताकतों ने अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ाई जारी रखी और 1 जनवरी 1804 को हैती को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया।
iv.हैतीयन मूवमेंट ने हैती को बनाया, जो 1783 में संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के स्वतंत्र होने के बाद अमेरिका में दूसरा स्वतंत्र देश था।
- हैतीयन मूवमेंट दुनिया का एकमात्र सफल दास विद्रोह था, और इसके परिणामस्वरूप हैती की स्थापना हुई, जो दुनिया का पहला स्वतंत्र अश्वेत राज्य था।
UNESCO स्लेव रूट प्रोजेक्ट:
i.1994 में, UNESCO ने गुलामी और दास व्यापार के बारे में ज्ञान विकसित करने में योगदान देने के लिए बेनिन के औइदाह में “रुट्स ऑफ इंस्लेव्ड पीपल्स: रेजिस्टेंस, लिबर्टी एंड हेरिटेज” कार्यक्रम (मूल रूप से “द स्लेव रूट प्रोजेक्ट” नाम दिया गया) शुरू किया।
ii.कार्यक्रम की अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समिति (ISC) में UNESCO के महानिदेशक द्वारा नियुक्त 20 सदस्य शामिल हैं।
- समिति का मुख्य कार्य कार्यक्रम के कार्यान्वयन पर UNESCO को सलाह देना है।
iii.2024 गुलाम लोगों के मार्ग कार्यक्रम की 30वीं वर्षगांठ है।
नोट: हर साल 23 अगस्त को, ग्रीनविच, लंदन, यूनाइटेड किंगडम (UK) में राष्ट्रीय समुद्री संग्रहालय अंतर्राष्ट्रीय गुलामी स्मृति दिवस और दुनिया भर में मुक्ति के लिए लंबे संघर्ष को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करता है।
संबंधित पालन:
UN गुलामी और ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार के पीड़ितों की याद में अंतर्राष्ट्रीय दिवस प्रतिवर्ष 25 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है, ताकि क्रूर गुलामी प्रणाली के परिणामस्वरूप पीड़ित और मारे गए लोगों को सम्मानित और याद किया जा सके।
- 2024 का विषय: “क्रिएटिंग ग्लोबल फ्रीडम: कॉउंटरिंग रेसिस्म विथ जस्टिस इन सोसाइटीज एंड अमंग नेशंस” है।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के बारे में:
महानिदेशक (DG)– ऑड्रे अज़ोले
मुख्यालय– पेरिस, फ्रांस
स्थापना – 1945