पंजाब जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग ने जालंधर जिले के जगरावां-मुरादपुर और तलवाड़ा गाँवों में अपनी तरह की पहली सौर-आधारित जल आपूर्ति परियोजनाएँ स्थापित की हैं। इस पायलट प्रोजेक्ट की स्थापना ‘हर घर पानी, हर घर सफाई’ मिशन के तहत की गई है।
उद्देश्य – पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध पीने योग्य पानी (पेयजल) की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
- इस परियोजना से जगरावां और मुरादपुर के 141 घरों और तलवाड़ा गाँव के 102 घरों को लाभ होने की उम्मीद है।
- इन सौर-आधारित परियोजनाओं को 67.71 लाख रु की लागत से आयुक्त किया गया है।
- सौर आधारित परियोजना से किसानों के बिजली बिल में काफी कमी आएगी, और इस राशि का उपयोग गांवों के विकास कार्यों के लिए किया जाएगा।
हर घर पानी, हर घर सफाई
- पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा 1 फरवरी, 2021 को मार्च, 2022 तक राज्य के सभी ग्रामीण परिवारों को 100% पीने योग्य पानी की आपूर्ति प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था।
केंद्र सरकार का कुसुम कार्यक्रम
भारत सरकार किसान उर्जा सुरक्षा उत्थान महाअभियान (KUSUM) कार्यक्रम के माध्यम से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में जल सुरक्षा प्रदान करने के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दे रही है।
- इसका लक्ष्य 2022 तक 34,422 करोड़ रु के वित्तीय समर्थन के साथ 25,750 मेगावाट के सौर तथा अन्य नवीकरणीय क्षमता को जोड़ना है।
- यह 2022 तक किसान की आय को दोगुना करने की पहलों में से एक है।
हाल की संबंधित खबरें:
i.24 जुलाई, 2020 को CM अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में पंजाब मंत्रिमंडल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अमृतसर और लुधियाना शहरों के लिए नहर-आधारित जल आपूर्ति के लिए 285.71 मिलियन अमरीकी डालर (2,130 करोड़ रुपये से अधिक) की परियोजना को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं के वित्तपोषण की पेशकश विश्व बैंक (70%) और पंजाब सरकार (30%) द्वारा की जाएगी।
पंजाब के बारे में:
राज्यपाल – VP सिंह बदनोर
किले – गोबिंदगढ़ किला, लोधी किला, मनौली किला