भारत के प्रधान मंत्री (PM) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुरुषों और महिलाओं की विवाह योग्य आयु में एकरूपता लाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है, जिससे महिलाओं की शादी की कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दी गई है।
- इस सम्बन्ध में, संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र (29 नवंबर- 23 दिसंबर, 2021) में बाल विवाह निषेध अधिनियम (PCMA), 2006, विशेष विवाह अधिनियम, 1954 और हिंदू विवाह अधिनियम 1955 जैसे व्यक्तिगत कानूनों में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया जाएगा।
- पुरुषों के लिए शादी करने की कानूनी उम्र 21 वर्ष है।
- इस निर्णय से न केवल लिंग समानता और लिंग सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि लड़कियों को अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने और कमाई शुरू करने में भी मदद मिलेगी।
वर्तमान परिदृश्य:
i.हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 5 (iii) दुल्हन के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और दूल्हे के लिए 21 वर्ष निर्धारित करती है। विशेष विवाह अधिनियम, 1954 और बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 भी महिलाओं और पुरुषों के लिए विवाह के लिए सहमति की न्यूनतम आयु के रूप में क्रमशः 18 और 21 वर्ष निर्धारित करते हैं।
ii.1978 में तत्कालीन शारदा अधिनियम 1929 में संशोधन करके महिलाओं की विवाह की आयु 15 वर्ष से बढ़ाकर 18 वर्ष कर दी गई थी।
प्रमुख बिंदु:
i.महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MoWCD) द्वारा गठित 10 सदस्यीय टास्क फोर्स द्वारा दिसंबर 2020 में प्रधान मंत्री कार्यालय (PMO) को प्रस्तुत की गई सिफारिशों के आधार पर विधेयक में प्रस्ताव बनाए गए हैं। इसकी अध्यक्षता समता पार्टी की अध्यक्ष जया जेटली कर रही हैं।
- जून 2020 में गठित, इसने मातृ मृत्यु दर(MMR), शिशु मृत्यु दर(IMR), कुल जननक्षमता दर(TFR), जन्म के समय लिंगानुपात(SRB), बाल लिंग अनुपात(CSR), पोषण स्तर में सुधार और संबंधित मुद्दों से संबंधित मामलों की जांच की।
- इसे महिलाओं के बीच उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के उपायों का सुझाव देने का भी काम सौंपा गया था।
- रिपोर्ट को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
ii.टास्क फोर्स द्वारा सिफारिशें विशेषज्ञों, युवा वयस्कों, विशेषकर युवा महिलाओं के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद की गई हैं।
iii.यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इस कदम का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है न कि जनसंख्या को नियंत्रित करना।
- NFHS 5 (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार TFR घट रहा है और जनसंख्या नियंत्रण में है।
- आंकड़ों से यह भी पता चला कि 2019-2021 में 20 से 24 साल की उम्र की महिलायों में 23.3% महिलाओं की शादी 18 साल की उम्र से पहले कर दी गई थी, जो 2015-2016 में 26.8 प्रतिशत से बेहतर है।
टास्क फोर्स के अन्य सदस्य:
NITI आयोग के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ विनोद कुमार पॉल MoWCD और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के सचिवों के साथ; विधायी विभाग के सचिव, कानून और न्याय मंत्रालय; उच्च शिक्षा विभाग के सचिव और स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय (MoE) के सचिव और शिक्षाविद नजमा अख्तर, वसुधा कामत और दीप्ति शाह।
केंद्र सरकार को टास्क फोर्स द्वारा प्रमुख सिफारिशें:
i.व्यापक जन जागरूकता का निर्माण ताकि सभी समाज इस निर्णय को पूरी तरह से अपना सकें।
ii.यौन शिक्षा को औपचारिक रूप देना और स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना।
iii.पॉलिटेक्निक संस्थानों में महिलाओं का प्रशिक्षण, कौशल और व्यवसाय प्रशिक्षण, और आजीविका वृद्धि।
हाल के संबंधित समाचार:
MoWCD ने पोषण अभियान के तहत सितंबर के पूरे महीने में पूरे भारत में पोषण माह मनाया। पोषण माह 2021 को आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में मनाया जाएगा।
महिला और बाल विकास मंत्रालय (MWCD) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री– स्मृति जुबिन ईरानी (निर्वाचन क्षेत्र- अमेठी, उत्तर प्रदेश)
राज्य मंत्री (MoS)– डॉ मुंजपारा महेंद्रभाई (निर्वाचन क्षेत्र- सुरेंद्रनगर, गुजरात)