अरुणाचल प्रदेश (AP) सरकार ने जलवायु परिवर्तन अनुकुलित और उत्तरदायी अरुणाचल प्रदेश पर पक्के टाइगर रिजर्व 2047 घोषणापत्र को स्वीकृति दी, जिसका उद्देश्य राज्य में “जलवायु-लचीला विकास“ को बढ़ावा देना है। यह घोषणा देश के किसी भी राज्य सरकार द्वारा अपनी तरह की पहली घोषणा है।
- पहली बार, राज्य की कैबिनेट की बैठक राजधानी ईटानगर के बाहर पक्के टाइगर रिजर्व में आयोजित की गई थी, जहां ‘पक्के घोषणापत्र’ को अपनाया गया था।
प्रमुख बिंदु:
i.‘पक्के घोषणापत्र’ पांच व्यापक विषयों, या पंच धराओं के आधार पर कम उत्सर्जन और जलवायु-लचीला विकास के लिए एक बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण पर केंद्रित है।
ii.75 रणनीतियों पर आधारित पंच धाराओं में निम्नलिखित शामिल हैं-
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन,
- सभी का स्वास्थ्य और कल्याण,
- सतत और अनुकूलन जीवन,
- आजीविका और अवसर,
- साक्ष्य निर्माण और सहयोगात्मक कार्रवाई।
iii.CM ने “ई-कैबिनेट पोर्टल” भी लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य सरकार के कार्य को कागज रहित बनाना है।
‘कैसर-ए-हिंद‘ को अरुणाचल प्रदेश की स्टेट बटरफ्लाई घोषित किया गया
कैसर-ए-हिंद (तेनोपालपस इम्पीरियलिस) नामक एक दुर्लभ तितली प्रजाति को अरुणाचल प्रदेश की राज्य तितली के रूप में चुना गया था।
- अरुणाचल प्रदेश ने पर्यावरण और वन विभाग (DE&F) का नाम बदलकर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग (DE&FCC) किया है।
- ‘कैसर-ए-हिंद’ जिसका अर्थ है ‘भारत का सम्राट’। इस तितली का पंख 90-120mm का होता है। यह मुख्य रूप से पूर्वी हिमालय के साथ भारत के 6 पूर्वोत्तर राज्यों में पाया जाता है।
अरुणाचल प्रदेश के बारे में:
हवाई अड्डा– तेज़ू हवाई अड्डा, ईटानगर हवाई अड्डा
बायोस्फीयर रिजर्व– दिहांग दिबांग बायोस्फीयर रिजर्व