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DRDO ने VSHORADS और PTO शाफ़्ट का सफल उड़ान परीक्षण किया

14 मार्च, 2023 को, डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाईजेशन (DRDO) ने इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR), चांदीपुर, ओडिशा में वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) मिसाइल के लगातार दो सफल उड़ान परीक्षण किए।

  • उड़ान परीक्षणों में मैन-पोर्टेबल ग्राउंड-आधारित लांचर से उच्च गति वाले मानव रहित हवाई लक्ष्यों पर मिसाइलों को लॉन्च करना शामिल था। लक्ष्यों को आने वाले और पीछे हटने वाले एयरक्राफ्ट की नकल करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
  • परीक्षण सफल रहे क्योंकि मिशन के सभी उद्देश्य पूरे हो गए थे।

VSHORADS क्या है?

रूस द्वारा विकसित SA-18 ग्रोस MANPADS (मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम) पर आधारित, VSHORADS का उद्देश्य कम दूरी पर कम ऊंचाई वाले हवाई खतरों को बेअसर करना है। इसे अन्य DRDO  प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से रिसर्च सेंटर ईमारत , हैदराबाद (तेलंगाना) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।

  • इसकी विशेषता में डुअल-बैंड इमेजिंग इंफ्रा-रेड (IIR) सीकर, एक छोटा रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम और एकीकृत एवियोनिक्स शामिल हैं। प्रणोदन एक दोहरे जोर वाली ठोस मोटर द्वारा प्रदान किया जाता है।

बेंगलुरु में LCA तेजस पर आयोजित DRDO के स्वदेशी PTO शाफ्ट का पहला  उड़ान परीक्षण सफल रहा 

DRDO ने बेंगलुरु (कर्नाटक) में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA तेजस) लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (LSP) -3 एयरक्राफ्ट पर पावर टेक ऑफ (PTO) शाफ्ट का पहला उड़ान परीक्षण भी सफलतापूर्वक किया।

डिज़ाइन एंड डेवलपमेंट:

PTO शाफ्ट को DRDO के कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (CVRDE), चेन्नई (तमिलनाडु) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है, जबकि एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी, सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन (CEMILAC), डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ एयरोनॉटिकल क्वालिटी अस्योरेंस (DGAQA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ मिलकर बनाया गया है। 

नोट: PTO शाफ्ट तकनीक पहले ही गोदरेज & बॉयस, मुंबई (महाराष्ट्र) और लक्ष्मी टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग, कोयम्बटूर (तमिलनाडु) को हस्तांतरित की जा चुकी है।

विशेषताएँ:

i.इसे एक अद्वितीय अभिनव पेटेंट वाली ‘फ्रीक्वेंसी स्पैनिंग तकनीक’ के साथ डिज़ाइन किया गया है जो इसे विभिन्न ऑपरेटिंग इंजन गति पर बातचीत करने में सक्षम बनाता है।

ii.यह हल्का, उच्च गति, स्नेहन मुक्त है, और ड्राइव लाइन में उत्पन्न होने वाले मिसअलाइनमेन्ट्स को समायोजित करते हुए एयरक्राफ्ट इंजन गियर बॉक्स और एयरक्राफ्ट माउंटेड एक्सेसरी गियर बॉक्स के बीच उच्च शक्ति प्रसारित करता है।

iii.यह भविष्य के फाइटर एयरक्राफ्ट और उनके वेरिएंट की आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए फाइटर में एक महत्वपूर्ण घटक है और प्रतिस्पर्धी लागत और उपलब्धता का कम समय प्रदान करता है।

हाल के संबंधित समाचार:

i.इलेक्ट्रॉनिक्स एंड रडार डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट  (LRDE), DRDO की बेंगलुरु (कर्नाटक) स्थित प्रयोगशाला ने एक अनफर्लेबल रिफ्लेक्टर एंटीना (UFRA) विकसित किया है, जो रडार की प्रमुख उप प्रणालियों में से एक है। UFRA की इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाईजेशन  (ISRO)  और सेना दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका है।

ii.इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी  (IIT)-मद्रास ने डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाईजेशन (DRDO) द्वारा स्थापित परिसर इकाई में  राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा के लिए उन्नत तकनीकों का विकास करने क़े लिए ‘DRDO इंडस्ट्री एकेडेमिया-रामानुजन सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस’ (DIA-RCOE) नामक ‘उत्कृष्टता केंद्र’ बनाया है।  

डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाईजेशन (DRDO) के बारे में:

अध्यक्ष–
डॉ समीर V कामत
मुख्यालय– नई दिल्ली, दिल्ली





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