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वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट: प्रतिवर्ष 160-200 मिलियन से अधिक भारतीय घातक गर्मी की लहरों के एक्सपोज हो सकता है

वर्ल्ड बैंक (WB) की रिपोर्ट “क्लाइमेट इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज इन इंडियाज कूलिंग सेक्टर” के अनुसार, भारत प्रतिवर्ष बढ़ते तापमान का सामना कर रहा है, और 2030 तक, देश भर में 160-200 मिलियन से अधिक लोग प्रतिवर्ष गंभीर गर्मी की लहरों के अधीन हो सकते हैं।

  • गर्मी के तनाव से उत्पादकता में गिरावट के कारण, भारत में 34 मिलियन लोग अपनी नौकरी खो देंगे।

गर्मी के तनाव के प्रभाव

i.परिवहन के दौरान गर्मी के कारण भोजन की हानि वर्तमान में प्रति वर्ष लगभग 13 बिलियन अमरीकी डालर है।

ii.2037 में हर 15 सेकंड में एक नए एयर कंडीशनर की आवश्यकता होगी और इसलिए कूलिंग की मांग 2022 की तुलना में 8 गुना अधिक होने का अनुमान है।

  • इसके परिणामस्वरूप अगले 20 वर्षों में वार्षिक ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन में 435% की अपेक्षित वृद्धि होगी।

रिपोर्ट के मुख्य अवलोकन

i.“क्लाइमेट इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज इन इंडियाज कूलिंग सेक्टर” रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिक ऊर्जा-कुशल मार्ग पर जाने से अगले 20 वर्षों में अनुमानित कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आ सकती है।

  • यह 2040 तक सालाना 300 मिलियन टन CO2 की कटौती करने की क्षमता के साथ एक सस्टेनेबल कूलिंग प्लान का प्रस्ताव करता है।

ii.यदि भारत में जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि जारी रहती है, तो वैकल्पिक और नई ऊर्जा-कुशल तकनीक के साथ स्थानों को ठंडा रखने से 2040 तक 1.6 ट्रिलियन अमरीकी डालर का निवेश अवसर पैदा हो सकता है।

  • इसके अतिरिक्त, इसमें लगभग 3.7 मिलियन नौकरियां पैदा करने और GHG उत्सर्जन में भारी कटौती करने की क्षमता है।

बढ़ते तापमान को अपनाने में लोगों की सहायता के लिए भारत की पहल

i.इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान (ICAP) को 2019 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सस्टेनेबल कूलिंग प्लान प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया था।

  • इसमें यात्री परिवहन में एयर कंडीशनिंग, इमारतों में इनडोर कूलिंग, एग्रीकल्चर और फार्मास्यूटिकल सेक्टर में कोल्ड चेन और रेफ्रिजरेशन शामिल हैं।

ii.ICAP 20 वर्षों का दृष्टिकोण (2017-18 से 2037-38) देता है और सभी क्षेत्रों में कूलिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए सिफारिशें करता है।

  • इसका लक्ष्य 2037-38 तक कूलिंग की मांग में 25% तक की कटौती करना है।

iii.2047 तक, भारत ओजोन-क्षयकारी हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन (HCFC) के निर्माण और उपयोग को समाप्त करने का इरादा रखता है, जिसका उपयोग एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर में शीतलक के रूप में किया जाता है।

मुख्य सुझाव:

i.रिपोर्ट 3 महत्वपूर्ण क्षेत्रों बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन, कोल्ड चेन और रेफ्रिजरेंट में ICAP के नए निवेशों की सहायता के लिए एक रोड मैप की सिफारिश करती है।

ii.भारत की प्रधान मंत्री आवास योजना (PMAY), गरीबों के लिए एक किफायती आवास कार्यक्रम, निजी और सरकार द्वारा वित्त पोषित दोनों परियोजनाओं में जलवायु-उत्तरदायी शीतलन प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकती है।

  • इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आर्थिक पैमाने के निचले स्तर पर रहने वाले व्यक्ति बढ़ते तापमान से असमान रूप से प्रभावित नहीं होते हैं।

iii.इससे सरकार के 11 मिलियन शहरी घरों और 29 मिलियन ग्रामीण घरों के निर्माण के लक्ष्य को बढ़ावा मिल सकता है।

हाल के संबंधित समाचार:

लैंसेट की  7वीं रिपोर्ट ‘लैंसेट काउंटडाउन ऑन हेल्थ एंड क्लाइमेट चेंज: हेल्थ एट द मर्सी ऑफ फॉसिल फ्यूल’ के अनुसार, भारत को 2021 में गर्मी की लहरों के कारण 167.2 बिलियन संभावित श्रम घंटों का नुकसान हुआ, जिसके परिणामस्वरूप भारत की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) के 5.4% के बराबर आय का नुकसान हुआ, जो 2021 में G20 देशों में सबसे अधिक है।

वर्ल्ड बैंक (WB) के बारे में:

इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (IDA) और इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (IBRD) मिलकर वर्ल्ड बैंक (WB) बनाते हैं।

अध्यक्ष (WB समूह)– डेविड मालपास
मुख्यालय – वाशिंगटन D.C., संयुक्त राज्य अमेरिका (US)
स्थापना – 1944





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